अशोकारिष्ट सिरप के फायदे एवं नुकसान | Ashokarishta syrup uses in Hindi.
आज के इस पोस्ट “Ashokarishta syrup uses in Hindi ” के माध्यम आप जानेंगे कि Ashokarishta syrup क्या होता है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है. अशोकारिष्ट के सेवन से कौन-कौन से फायदे एवं नुकसान होते हैं और इसके अलावा Ashokarishta syrup से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारीयों को जानेंगे. तो चलिए जानतें हैं अशोकारिष्ट क्या है ?
डाबर अशोकारिष्ट क्या है?(What is Dabur Ashokarishta in Hindi)
डाबर अशोकारिष्ट एक आयुर्वेदिक दवा है जो की महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव और अन्य स्त्री रोग संबंधी समस्याओं का उपचार करने के लिए उपयोग किया जाता है.इस अशोकारिष्ट को झंडु फार्मा वर्क्स द्वारा बनाया जाता है.
जिसमें मुख्य रूप से अर्जुन के छाल के साथ अन्य कई जड़ी बेटियों को मिलाकर बनाया जाता है. तो चलिए जानतें हैं अशोकारिष्ट सिरप में उपस्थित सामाग्री के बारे में.
Ashokarishta syrup के सामाग्री –
अशोकारिष्ट (Ashokarishta) में अशोक की छाल के अलावा निम्नलिखित चीजें भी होते हैं.जो इस प्रकार है –
- गुड़
- धातकी फूल
- मुस्तक जड़ें
- अदरक राइज़ोम
- कलौंजी
- दारुहरिद्र:
- उत्पला फूल
- अमलाकी
- विभीतकी
- आम बीज
- जीरे का बीज
- अदुलसा
- चंदन
- हरितकि
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अशोकारिष्ट में निहित पोषक तत्व (Ashokarishta Nutritional Value In Hindi)-
जैसे पहले ही बताया जा चुका है कि अशोकारिष्ट (ashokarishta tonic) एक आयुर्वेदिक सिरप है जो 15 प्राकृतिक चीजों के संयोजन से बना है। इन में निम्नलिखित पोषक तत्व देखे जाते है-
- एल्केलाइड्स
- ग्लाइकोसाइड्स
- कार्बोहाइड्रेट्स
- टेनिन्स
- फ्लेवेनोइड्स
अशोकारिष्ट की औषधीय क्रियाएं (Ashokarishta Pharmacological Actions)
अशोकारिष्ट (ashokarishta tonic) एक आयुर्वेदिक दवा है जो निम्नलिखित औषधीय क्रियाओं के माध्यम से काम करती है:-
- एस्ट्रोजेनिक (हार्मोन संतुलन के लिए)
- एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने के लिए)
- कार्मिनेटिव (गैस व कब्ज़ में राहत के लिए)
- एंटी-कार्सिनोजेनिक (कैंसर रोधी)
- एडाप्टोजेनिक (शरीर में स्थिरता व होमोस्टैसिस को बढ़ावा)
- हेमाटीनिक (खून की कमी को रोकने वाला)
- पाचन उत्तेजक ( पाचन शक्ति को दुरुस्त करने वाला)
- मांस पेशियों को आराम देने वाला
- इम्यून बूस्टर (प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि में सहायक)
- कार्डियोटॉनिक (हृदय को स्वस्थ रखने वाला)
अशोकारिष्ट के फायदे (Ashokarishta Benefits in Hind)-
अशोकारिष्ट से होने वाले फायदों का असर शरीर पर लंबे समय के लिए रहता है। इस आयुर्वेदिक दवा की नियमित जरूरत अनुसार सही खुराक लेने पर निम्न फायदे हो सकते है-
- भारी ब्लीडिंग में कमी
- भूख की कमी को दूर करना
- रक्त अर्श में लाभदायक
- महिला प्रजनन प्रणाली को सुदृढ़ बनाना
- गर्भ ठहराव में सहायक
- गर्भाशय की सिकुड़न दूर कर मासिक धर्म के दर्द और ऐंठन से राहत
- खूनी बवासीर और पेचिश की समस्या का निपटारा
- कोलाइटिस और अल्सर का इलाज
- हार्मोन में गड़बड़ी का सुधार करना
- मेनोपॉज के कारण मिनरल्स की कमी को संतुलित करने में मददगार
- अंड निषेचन प्रक्रिया का सही से संचालन
- अंडाशय और गर्भाशय की सूजन को दूर करना
- पॉलीस्टिक सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) में फायदेमंद
- बाल झड़ना, मुहांसे और वजन बढ़ने जैसी समस्याओं का निवारण
- महिलाओं की सहनशक्ति को बढ़ाना
- एक मजबूत पाचन तंत्र की नींव रखना
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा
- मल-मूत्र त्याग को आसान बनाना
- पेट दर्द और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को
इसके अलावा और भी कई कारणों से इसका उपयोग किया जाता है और उसमें इसका लाभ होता है.
अशोकारिष्ट लेने से पहले सावधानियां –
अशोकारिष्ट में प्राकृतिक रूप से अल्कोहल मौजूद होता है.यही वजह है कि अशोकारिष्ट का सेवन करने से पूर्व निम्न सावधानियों को ध्यान में रखना जरूरी है, जो कुछ इस प्रकार हैं –
- बिना पानी के अशोकारिष्ट का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- खाली पेट अशोकारिष्ट का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।
अशोकारिष्ट का सेवन करने के तरीकों के बाद अब हम अशोकारिष्ट के नुकसान जानेंगे।
Dabur Ashokarishta की खुराक (Dabur Ashokarishta Dosage in Hindi) –
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Dabur Ashokarishta की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Dabur Ashokarishta की खुराक अलग हो सकती है.
अशोकारिष्ट पीने का तरीका यह है कि सामान्य रूप से अशोकारिष्ट के लाभ लेने के लिए खाने के बाद करीब 25 मिली अशोकारिष्ट को बराबर पानी की मात्रा के साथ दिन में दो बार लिया जा सकता है.
अशोकारिष्ट के नुकसान ( Side Effects of Ashokarishta in Hindi) –
लेख में आपको पहले भी बताया जा चुका है कि अशोकारिष्ट एक औषधि है। इसलिए, डॉक्टर द्वारा सुझाई गई मात्रा लेने पर इसके दुष्परिणाम की आशंका कम रहती है। वहीं, अधिक मात्रा में इसका उपयोग थोड़े-बहुत अशोकारिष्ट के नुकसान प्रदर्शित कर सकता है।
हालांकि, अशोकारिष्ट के नुकसान के संबंध में कोई भी स्पष्ट वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। फिर भी अधिक सेवन के कारण अशोकारिष्ट के जो नुकसान देखने को मिल सकते हैं, वह कुछ इस प्रकार हो सकते हैं –
- प्राकृतिक अल्कोहल की मौजूदगी के कारण इसका अधिक सेवन एसिडिटी और जलन की समस्या पैदा कर सकता है।
- यह अनियमित मासिक चक्र को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन नियमित मासिक चक्र के क्रम को प्रभावित भी कर सकता है। फिलहाल, इससे जुड़ा कोई सटीक शोध उपलब्ध नहीं है।
- अशोकारिष्ट में गुड़ का भी उपयोग किया जाता है, इसलिए डायबिटीज रोगियों को इसके सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए।
- गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाओं को इसका सेवन न करने की सलाह दी जाती है।
- हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसके सेवन से पूर्व डॉक्टरी सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।
यह तो आप अच्छे से समझ गए होंगे कि अशोकारिष्ट एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे महिला टॉनिक कहना गलत नहीं होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि लेख में हमने महिला स्वास्थ्य से जुड़े इसके फायदों को गहराई से समझा।
अशोकारिष्ट के उपयोग (uses of Ashokarishta syrup in Hindi ) –
अशोकारिष्ट एक आयुर्वेदिक औषधि है जो अशोक के पेड़ की छाल के साथ और 14 प्राकृतिक अवयवों को मिलाकर बनाई जाती हैं.जिसका निम्नलिखित कारणों में उपयोग किया जाता है –
- प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए
- पेट दर्द कि लिए अशोकारिष्ट
- मासिक धर्म में उपयोगी
- अल्सर में राहत दिलाए अशोकारिष्ट
- श्रोणि या पेल्विक सूजन में अशोकारिष्ट के फायदे ऑस्टियोपोरोसिस में अशोकारिष्ट के फायदे
- महिलाओं को थकान से राहत दिलाता है अशोकोरिष्ट
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है अशोकारिष्ट
- पाचन तंत्र के लिए अशोकारिष्ट के फायदे
- कब्ज में अशोकारिष्ट के फायदे
अशोकारिष्ट के साथ कर सकते हैं अन्य औषधियों का सेवन –
अशोकारिष्ट का सेवन जल के साथ ही किया जाता है क्योंकि यह एक उत्तम औषधि है, लेकिन अलग अलग तरह की परेशानियों के साथ इस औषधि को अन्य कुछ औषधियों के साथ भी सेवन किया जा सकता है।
- रोग – उपचार
- अत्यार्तव – चन्द्रप्रभा वटी
- रक्तप्रदर – चंद्रप्रभा वटी, मुलेठी और आमलकी रसायन
- मेनोमेट्रोरजिया – चंद्रप्रभा वटी, मुलेठी और आमलकी रसायन
- कष्टार्तव – योगराज गुग्गुलु
- कब्ज के साथ कष्टार्तव – दंतयारिष्ट
- रजोनिवृत्ति के लक्षण – सारस्वतारिष्ट
- पॉलीसिस्टिक सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) -चन्द्रप्रभा वटी, सुकुमार कषाय
Ashokarishta syrup को स्टोर कैसे करें?
इसको स्टोर करने के लिए धूप से बचाना चाहिए लेकिन इसको फ्रीज में भी नहीं रखना चाहिए.इसे स्टोर करने के लिए आप नॉर्मल कमरे के तापमान में रख सकते हो.
बच्चों या जानवरों से इसको काफी दूर रखना चाहिए.एक्सपायर होने से पहले इसको खा लेना चाहिए। यदि यह एक्सपायर हो जाये तो इसको हटा देना चाहिए.
काफी लम्बे समय तक इसको खाने के लिए एक बार डॉक्टर से जरूर पूछ लेना चाहिए.
Conclusion (Ashokarishta syrup uses in Hindi) –
आज के इस पोस्ट “Ashokarishta syrup uses in Hindi ” के माध्यम से आपने जाना कि Ashokarishta syrup क्या होता है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है. साथ ही आपने Ashokarishta syrup से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारीयों को जाना. आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और आपको उचित जानकारी मिली होगी.. धन्यवाद.