चंद्रप्रभा वटी के फायदे एवं नुकसान | Chandraprabha vati uses in Hindi
आज के इस पोस्ट “Chandraprabha vati uses in Hindi ” के माध्यम से आप जानेंगे कि चंद्रप्रभा वटी क्या है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है. चंद्रप्रभा वटी के कौन-कौन से फायदे और नुकसान होतें हैं. साथ ही आप जानेंगे कि chandraprabha vati का सेवन कब करना चाहिए और कब नहीं इसके अलावा chandraprabha vati से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारीयों को जानेंगे इसीलिए आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेगें और समझेंगें.
Chandraprabha vati benefits in Hindi |
दोस्तों, आज के समय में लगभग हर व्यक्ति को सेहत से जुड़ी समस्या है चाहे वह समस्या मर्दाना कमजोरी, वीर्य की समस्या, पेशाब की परेशानियों जैसी समस्या हो या फिर लिंगेन्द्रिय की कमजोरी और शीघ्रपतन की समस्या इस तरह की कई समस्याएं होती है.
जिससे लोग चिंतित रहतें वह इन समस्याओं से जल्द छुटकारा पाना चाहतें हैं तो इसलिए हमने इन समस्याओं का एक रामबाण इलाज लाया है जिसका नाम है “चंद्रप्रभा वटी ” जी हाँ, दोस्तों यही वो आयुर्वेदिक दवा है जिससे आपको इस प्रकार की तमाम समस्याओं से छुटकारा दिला सकती है. तो चलिए जानतें हैं chandraprabha vati ke fayde सहित अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारीयों के बारे में.
चंद्रप्रभा वटी क्या है? ( What is Chandraprabha Vati in Hindi) –
Chandraprabha vati एक ऐसी आयुर्वेदिक दवा है जो लगभग सभी तरह की समस्याओं में काम आता है. आयुर्वेद में चंद्रप्रभा वटी को Chandraprabha Gulika, Chandraprabha vatika जैसे नामों से जाना जाता है.
यह एक बहुत ही प्रसिद्ध और उपयोगी वटी है। इसके नाम से ही उसके गुणों का भी पता चलता है। चंद्रप्रभा में ‘चन्द्र’ यानी चंद्रमा और प्रभा यानी उसकी चमक, अर्थात् चंद्रप्रभा वटी के सेवन से शरीर में चंद्रमा जैसी चमक तो होती ही है साथ ही इससे हमारा शरीर बलवान बनता है। इसलिए शारीरिक कमजोरी पैदा करने वाली लगभग सभी बीमारियों में अन्य दवाओं के साथ चंद्रप्रभा वटी भी दी ही जाती है।
चंद्रप्रभा वटी की मुख्य सामग्री ( Chandra-prabha Vati Key Ingredients in Hindi ) –
Chandraprabha vati कई जड़ी-बूटियों के संयोजन से बनता है. चंद्रप्रभा वटी में उपयोग की जाने वाली सामग्री के नाम इस प्रकार है –
- गुग्गुल (Guggul)
- शिलाजीत (Shilajit)
- शरकारा (Sharkara)
- ट्रिविट (Trivit)
- वंक्षलोचन (Vankshalochana)
- इला (Ela)
- तेजपत्ता (Tejpatta)
- दालचीनी (Dalchini)
- दंती मूल (Danti Mool)
- कपूर (Kapoor)
- अतिविषा (Ativisha)
- हरिदार (Haridar)
- वाचा (Vacha)
- आमलकी (Amalaki)
- मुस्तक (Mustak)
- बिभीतक (Bibhitak)
- छाव्या (Chavya)
- हरीतकी (Haritaki)
- धनिया (Dhania)
- पिप्पली मूल (Pippali Mool)
- गज पिप्पली (Gaja Pippali)
- गुडूची (Guduchi)
- चित्रक छाल (Chitraka Bark)
- दरवी (Darvi)
- शुंथि (Shunthi)
- देवदरु (Devdaru)
- विदंगा (Vidanga)
- भूनिम्बा (Bhunimba)
- सैंधव लवन (Saindhava lavan)
- सुवर्चल लवन (Suvarchal lavan)
- लौहा भस्म (Lauha bhashma)
- विदा लवन (Vida Lavan)
- स्वर्णमक्षिका भस्म (Swarnamakshika Bhasma)
इसके अलावा इसमें यवक्षर और मारीच (Maricha) का प्रयोग भी किया जाता है. इन सभी जड़ी-बूटियों के कारण ही यह इतना ज्यादा प्रभावशाली होता है.
चंद्रप्रभा वटी का उपयोग क्यों किया जाता है?
चंद्रप्रभा वटी का उपयोग कई प्रकार की बीमारियों में किया जाता है. जिसमें से कुछ के नाम इस प्रकार है -भूख न लगना
- थकान,
- कमजोरी महसूस होना
- वीर्य का गिरना,
- बार–बार मूत्र आना,
- पैशाब में जलन,
- ल्यूकोरिया (leukorrhea) ,
- वीर्य दोष,
- पथरी (kidney stone),
- अंडकोषों में हुई वृद्धि,
- पीलीया (jaundice),
- बवासीर (Piles),
- कमर दर्द (backache),
- गाउट में
- किडनी की समस्या में
इसके अलावा नेत्ररोग तथा स्त्री-पुरुषों के जननेन्द्रिय से संबंधित रोगों को यह ठीक करती है।
चन्द्रप्रभा वटी की खुराक (Chandraprabha Vati Dosages in Hindi ) –
चूकि चंद्रप्रभा वटी एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका उपयोग निम्न प्रकार से किया जा सकता है –
बच्चे- अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
वयस्क – 1-2 गोली दूध या पानी के साथ, भोजन करने के बाद दो या तीन बार। अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
इसके अलावा गर्भवती महिलाओं और उच्च रक्तचाप वाले लोगों को डॉक्टर से सलाह लेकर ही सेवन करना चाहिए।
चंद्रप्रभा वटी के फायदे (Benefits of chandraprabha vati in Hindi) –
यह यूरिक एसिड (Uric Acid) के स्तर को बनाएं रखती हैं, जिससे गाउट (Gout) का इलाज किया जाता हैं और किडनी के स्वस्थ कामकाज को बढ़ावा देती हैं। इसके अलावा इसके कई फायदे होतें हैं जो इस प्रकार है –
- मूत्र विसंगतियों को दूर करती हैं।
- मधुमेह (Diabetes) के उपचार में सहायक है।
- प्रजनन और प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है।
- हार्मोन असंतुलन को ठीक करती हैं।
- कोलेस्ट्रॉल कम करने में लाभदायक
- यह शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता को बढ़ाती है और यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं।
- नपुंसकता और स्वप्नदोष का इलाज करती हैं।
- रक्तचाप को सामान्य करने में सहायक हैं।
- तनाव को थकान को दूर करती हैं।
- जोड़ो के दर्द, जाइंट में सूजन, सिर दर्द आदि सब में लाभदायक हैं।
- वीर्य वृद्धि के मामलों में भी सहायक हैं।
Proteinuria (जरूरी प्रोटीन का मूत्र मे आना) के उपचार में सहायक हैं, जिससे शरीर में प्रोटीन की मात्रा संतुलित रहती हैं।
चंद्रप्रभा वटी के नुकसान ( Chandraprabha vati Side Effects in Hindi) –
आयुर्वेदिक होने के कारण चंद्रप्रभा वटी के नुकसान और कोई साइड इफेक्ट नहीं है। हालांकि, साइड इफेक्ट से बचने के लिए, आपको उम्र, शारीरिक बीमारी और बीमारी के प्रभावों के आधार पर डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए।
यह ध्यान में रखने वाली बात है चंद्रप्रभा वटी में आयरन की राख होने के कारण इसके अधिक सेवन से
अल्सरेटिव कोलाइटिस,
पेट में अल्सर,
थैलेसीमिया और पेट में जलन की समस्या हो सकती है।
चन्द्रप्रभा वटी के उपयोग में सावधानियां –
- उपयोग करने से पहले हमेशा एक चिकित्सक से परामर्श करें।
- गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान चंद्रप्रभा वटी से बचें, या उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें।
- हाइपरएसिडिटी, थैलेसीमिया, अल्सरेटिव कोलाइटिस के मामलों में परहेज करें।
- यदि आप एलोपैथिक दवाओं का सेवन करते हैं, तो खुराक के बीच कम से कम 1-2 घंटे का अंतर बनाए रखें।
- दवा को बच्चों की आंखों से दूर रखना चाहिए।
- चंद्रप्रभा वटी को शुरू करने या जारी रखने से पहले किसी भी अन्य दवा की तरह डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- कुछ मामलों में, यदि आप अधिक मात्रा में करते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
चंद्रप्रभा वटी कितने दिन तक ले सकते हैं?
जैसे-जैसे पुरुषों में उम्र बढ़ती है, प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बढ़ता जाता है, और पेशाब करते समय बहुत दर्द हो सकता है। यहां तक कि प्रोस्टेट की समस्या के कारण भी बार-बार पेशाब आता है। तो चंद्रप्रभा वटी के सेवन से कम से कम एक या दो महीने तक प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना ठीक हो सकता है।
चंद्रप्रभा वटी के उत्पाद व कीमत (Chandraprabha Vati Products & Price) –
चंद्रप्रभा वटी के कुछ प्रचलित उत्पादो के नाम व कीमत नीचे दी है। जिन्हे आप ऑनलाइन या फिर अपने नजदीकी स्टोर से खरीद सकते है।
- Baidyanath Chandraprabha Bati जिसमें 100 टैबलेट होतें हैं उसकी कीमत 190 रुपये होती है.
- Sri Sri Tattva Chandraprabha Vati 300Mg Tablet जिसमें 60 टैबलेट होतें हैं उसकी कीमत 125 रुपये होती है.
- Patanjali Divya Chandraprabha Vati जिसमें 120 टैबलेट होतें हैं उसकी की कीमत 150 रुपये होती है.
- Zandu Chandraprabha Vati जिसमें 150 टैबलेट होतें हैं उसकी की कीमत 245 रुपये होती है.
- DABUR Chandra Prabha Vati जिसमें 80 टैबलेट होतें हैं उसकी की कीमत 216 रुपये होती है.
चंद्रप्रभा वटी को स्टोर कैसे करें?
Chandraprabha vati को स्टोर करने के लिए इसे धूप से बचाना चाहिए और इसको फ्रीज में भी नहीं रखना चाहिए.इसे स्टोर करने के लिए आप नॉर्मल कमरे के तापमान में रख सकते हो.
Abott tablet एक्सपायर होने से पहले तक ही उपयोग करना चाहिए। यदि tablet एक्सपायर हो जाये तो इसको हटा देना चाहिए.काफी लम्बे समय तक इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए.यदि आप ऐसा करतें हैं तो इसके बारे में डॉक्टर से जरूर पूछ लेना चाहिए.
Conclusion (Chandraprabha vati benefits in Hindi) –
आज के इस पोस्ट “Chandraprabha vati uses in Hindi ” के माध्यम से आपने जाना कि chandraprabha vati क्या है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है. चंद्रप्रभा वटी के कौन-कौन से फायदे और नुकसान होतें हैं. साथ ही आपने जाना कि chandraprabha vati का सेवन कब करना चाहिए और कब नहीं इसके अलावा chandraprabha vati से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारीयों को जाना इसलिए आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और आपको उचित जानकारी मिली होगी.. धन्यवाद.