सेप्टिलिन सिरप के फायदे एवं नुकसान | Septilin syrup uses in Hindi
आज के इस पोस्ट ” Septilin syrup uses in Hindi ” के माध्यम से आप जानेंगे कि septilin syrup क्या है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है. साथ ही आप जानेंगे कि septilin syrup के कौन-कौन से फायदे और नुकसान होतें हैं. इसके अलावा septilin syrup से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारीयों को जानेंगे तो आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेगें और समझेंगें.
Septilin syrup क्या है? (What is septilin syrup in Hindi)
Septilin syrup एक प्रकार का आयुर्वेदिक दवा है जो Himalaya company द्वारा बनाया जाता है. जो टैबलेट , सिरप और ड्रॉप के रूप में मिलता है.जिसका उपयोग खासकर श्वसन संबंधी समस्याएं जैसे गले में खराश, गले में सूजन, बुखार, कमजोर इम्युनिटी और टॉन्सिलाइटिस सहित अन्य कई समस्याओं में किया जाता है.
Septilin syrup कैसे काम करता है?
Septilin syrup प्रतिरक्षा को बढ़ाता है.इसके अलावा सेप्टिलिन के इम्यूनोमोडुलेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, सूजनरोधी और एंटीमाइक्रोबियल गुण सामान्य स्वास्थ को बनाए रखता है. जो संक्रमण के लिए शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। सेप्टिलिन सफेद रक्त कोशिकाओं को सक्रियण कर फैैगोसाइटोसिस को उत्तेजित करता है, जो संक्रमण का मुकाबला करता है और इस तरह से हमारे स्वस्थ्य को बनाए रखता है.
Septilin श्वसन तंत्र के संक्रमण में भी फायदेमंद है, जिसमें क्रोनिक टॉन्सिलाइटिस, फ्रेर्टाइटिस, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, नाक मोतियाबिंद (श्वसन तंत्र की म्यूकस झिल्ली सूजन) और लैरिंजाइटिस शामिल हैं।
हिमालय सेप्टीलिन के मुख्य घटक (Himalaya septilin ingredients in hindi) –
Himalaya septilin syrup को बनाने में निम्न घटक द्रव्य का इस्तेमाल किया जाता है.जो इस प्रकार है –
- महारसनादी क्वाथ – 30mg
- मंजिष्ठा – 15mg
- गुडुची – 14mg
- पुष्कर – 13mg
- आमलकी – 8mg
- यष्टि – 6mg
- गुग्गुलु – 80mg
- मंजिष्ठा – 8.9mg
- गुडुची – 8.3mg
- पुष्कर – 7.7mg
- आमलकी – 4.7mg
- यष्टिमधु – 3.5mg
- त्रिकटु (सोंठ + काली मिर्च + पिप्पली) – 13mg
इन सभी चीजों के मिश्रण से Septilin syrup बनाया जाता है जिससे यह हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होता है.
अभी तक आपने जाना कि septilin syrup क्या है और इसमें कौन-कौन सी चीजें पाई जाती है.अब आपके लिए यह जानना भी बहुत ही जरूरी है कि इन जड़ी-बूटियों के क्या फायदे हैं. तो चलिए जानतें हैं इसके फायदे के बारे में.
Septilin syrup के जड़ी-बूटियों के फायदे –
Septilin syrup ऐसे कई प्रकार के जड़ी-बूटियों का प्रयोग किया गया है जो हमारे लिए बहुत ही लाभदायक है. जिसके फायदे नीचे बताए गए हैं –
आंवला – ये एजेंट प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रभाव डालते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्यों को बदलने में मदद करते हैं।
गिलोय – गिलोय का उपयोग सूजन को कम करने के लिए किया जाता है.जो शरीर के तापमान को कम करके बुखार को ठीक करता है.गिलोय वह तत्व जो जीवित कोशिकाओं में मुक्त कणों के ऑक्सीकरण के प्रभाव को रोकता है।साथ ही प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक करता है.इसके अलावा यह एलर्जी के लक्षणों को रोकते हैं।
गुग्गुल – ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं। यह शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्री रेडिकल्स के बीच असंतुलन पैदा होने जैसी स्थिति को कम करने वाली है. साथ ही यह श्वसन मार्ग में बलगम के स्राव में सुधार करता है और इसका उपयोग शरीर में फैट का स्तर कम करने वाली दवाएं, जिनका प्रयोग हाई कोलेस्ट्रॉल के लिए भी किया जाता है।
मंजिष्ठा – कफ की गंभीरता को कम करता है.
मुलेठी – मुलेठी बुखार के दौरान शरीर के तापमान को कम करने में मदद करती हैं। कफ की गंभीरता को कम करने वाले घटक है. जो बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने या खत्म करने का काम करता है.
टिनोसपोरा गुलांचा – टिनोस्पोरा गुलांचा (गुडुची) एक शक्तिशाली रोगाणुरोधी है जिसमें इम्यूनोमोडुलेटरी गुण होते हैं, जो एंटीबॉडी के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। यह संक्रमण के लिए शरीर के प्रतिरोध को बनाने में मदद करता है।
Septilin syrup के फायदे (Himalaya Septilin syrup Benefits in Hindi) –
Septilin syrup के कई सारे फायदे होतें हैं जिसका उपयोग निम्न कारणों से या निम्न बीमारियों में किया जाता है –
- खांसी
- ब्रोंकाइटिस
- दमा
- गले में दर्द
- बुखार
- टॉन्सिल
- गले में सूजन
- इम्यूनिटी कमजोर होना
- बैक्टीरियल संक्रमण
- वायरल इन्फेक्शन
- लेरिन्जाइटिस
इस प्रकार की समस्या होने पर septilin syrup या सिरप का उपयोग करने की सलाह दी जाती है.इसके बारे में पूरी जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें .
Septilin syrup के नुकसान ( side effects of septilin syrup in Hindi) –
यदि Septilin syrup का उपयोग डॉक्टर की सलाह के अनुसार किया जाए तो किसी प्रकार का कोई साइड इफैक्ट या नुकसान नहीं होता है.फिर भी यदि आपको इसके सेवन से किसी तरह की समस्या होती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे और अपना ईलाज कराए.
Himalaya Septilin syrup की खुराक (Dosage of Himalayan septilin syrup in Hindi) –
Himalaya Septilin syrup की खुराक व्यक्ति की उम्र, लिंग और वजन के अनुसार तय की जाती है साथ-साथ यह भी देखा जाता है कि व्यक्ति को क्या बीमारी है और कितनी गंभीर बीमारी है, बीमारी की अभी शुरुआत हुई है या फिर इंफेक्शन ज्यादा गंभीर हो गया है। इसलिए इसके लिए अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
Himalaya Septilin syrup का कीमत (Price of Himalaya septilin syrup in Hindi) –
Himalaya Septilin syrup का प्राइस हर जगह अलग-अलग होता है.जिसकी कीमत कुछ इस तरह है –
Himalaya Septilin syrup जो गोलियों के रूप में मिलती है उसकी कीमत ₹130 होती है जिसमें 60 टैबलेट्स होतें हैं.
हिमालय सेप्टिलिन सिरप की कीमत ₹110 है जिसमें 200ml सिरप होता है। इसके अलावा
हिमालय सेप्टिलिन ड्रॉप्स की कीमत ₹130 होती है जिसमें 60ml की ड्रॉप होता है.
Septilin syrup को स्टोर कैसे करें?
Septilin syrup को स्टोर करने के लिए इसे धूप से बचाना चाहिए और इसको फ्रीज में भी नहीं रखना चाहिए.इसे स्टोर करने के लिए आप नॉर्मल कमरे के तापमान में रख सकते हो.
Septilin syrup एक्सपायर होने से पहले तक ही उपयोग करना चाहिए। यदि ड्रॉप एक्सपायर हो जाये तो इसको हटा देना चाहिए.काफी लम्बे समय तक इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए.यदि आप ऐसा करतें हैं तो इसके बारे में डॉक्टर से जरूर पूछ लेना चाहिए.
Conclusion ( septilin syrup uses in Hindi) –
आज के इस पोस्ट ” Septilin syrup uses in Hindi ” के माध्यम से आप जाना कि septilin syrup क्या है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है. साथ ही आप जाना कि septilin syrup के कौन-कौन से फायदे और नुकसान होतें हैं. इसके अलावा septilin syrup से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारीयों को जाना तो आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और आपको उचित जानकारी मिली होगी.. धन्यवाद.