टॉन्सिल्स के लिए टैबलेट का नाम एवं घरेलू इलाज |Tonsil medicine name list in Hindi
आज के इस पोस्ट ” टॉन्सिल्स के लिए टैबलेट का नाम ” के माध्यम से आप जानेंगे कि Tonsil क्या है और टॉन्सिल्स में सूजन क्यों होता है.साथ ही आप जानेंगे कि tonsil के लिए कौन-कौन से दवा का इस्तेमाल किया जाता है और टॉन्सिल्स का घरेलू ईलाज कैसे करें. इसके अलावा टॉन्सिल्स की समस्या से राहत पाने के लिए अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारीयों को जानेंगे. इसलिए आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेगें और समझेंगें.
Tonsil medicine name in Hindi |
बदलते मौसम के कारण अधिकतर लोगों को गले में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण खाने और पीने में काफी समस्या होती है। आमतौर पर गले और फिर कानों में होने वाले दर्द को जुकाम की समस्या मानते हैं, लेकिन आपको बता दें कि यह टॉन्सिल हो सकता है।
अगर इसका समय पर इलाज नहीं कराया तो आपको अधिक दर्द, बुखार जैसी कई अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके शुरुआती लक्षणों को जानकर आसानी से आप घर पर ही कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय अपना सकते हैं। इससे आपको कुछ ही दिनों में लाभ मिल जाएगा।
टॉन्सिल्स क्यों होता है?
टॉन्सिल दो तरह के इन्फेक्शन के कारण होता है। वायरल इंफेक्शन के कारण हुए टॉन्सिल्स में खास इलाज की जरूरत नहीं होती। बैक्टीरियल इन्फेक्शन से हुए टॉन्सिल को दवाई के सेवन से ठीक किया जा सकता है। आम तौर पर ये एक हफ्ते में ठीक हो जाता है। लेकिन इंफेक्शन ज्यादा हो तो इसे ठीक होने में अधिक समय लगता है।
टॉन्सिल में सूजन होने को टॉन्सिलाइटिस कहा जाता है. जिसके कई कारण हो सकते हैं.तो चलिए जानतें हैं टॉन्सिलाइटिस के लक्षण के बारे में –
टॉन्सिलाइटिस के लक्षण (Tonsillitis ke lakshan) –
जब भी किसी व्यक्ति को टॉन्सिलाइटिस होता है या टॉन्सिल में सूजन होता है तो उसे निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं. जैसे –
- गले में खराश और दर्द होना
- निगलने में दर्द होना
- गले से लेकर कानों तक दर्द
- सिरदर्द की समस्या
- टॉन्सिल में सूजन और दर्द होना।
- बुखार आ जाना
- जीभ पर सफेद परत जमना
यदि आपको इस प्रकार की समस्या होती है या है तो हो सकता है कि आपको टॉन्सिलाइटिस हो. इसलिए आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेना चाहिए.
टॉन्सिल कितने दिन तक रहता है? (How long does tonsillitis last in Hindi)
टॉन्सिल में इन्फ़ेक्शन को टॉन्सिलाइटिस कहते हैं. टॉन्सिलाइटिस अलग-अलग तरह के होते हैं. उसी हिसाब से वो शरीर पर अपना असर छोड़ते हैं, जैसे कि-
एक्यूट टॉन्सिलाइटिस – इसके लक्षण सिर्फ 3 से 4 दिन तक रहते हैं. ज्यादा से ज्यादा 2 हफ्ते तक रहता है.
रिकरंट टॉन्सिलाइटिस – एक ही साल में आपको ये कई बार होते हैं.
क्रोनिक टॉन्सिलाइटिस – ये तब होता है जब आप लंबे वक्त से टॉन्सिल इंफेक्शन से पीड़ित होतें हैं.
चलिए अब जानतें हैं टॉन्सिलाइटिस से कैसे बचे और कौन-कौन सी सावधानी बरते.
गले के संक्रमण से कैसे बचे ?
गले के संक्रमण से बचने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए –
- हमेशा साबुन से हाथ धोकर ही खाना खाएं।
- सर्द मौसम में ठंडे पेय पदार्थ से परहेज करें।
- गर्म खाने के बाद ठंडे खाद्य पदार्थ का सेवन न करें।
- बासी भोजन का सेवन न करें। अगर खाद्य पदार्थ ठंडा हो गया है तो उसे गर्म कर लें।
- ब्रश करने के बाद नियमित रूप से गुनगुने पानी से गरारा करें।
- तले खाने से परहेज करें।
- गाजर के रस का छोटा गिलास दो तीन महीने तक पीयें।
टॉन्सिल्स की सूजन में केवल गरम पानी में नमक डालकर गरारे करने से आराम आ जाता है।
टॉन्सिल की दवा कब लें ?
अगर आपको सामान्य गले का दर्द है तो आपको डॉक्टर के इलाज की जरुरत नहीं है, आप टॉन्सिल का इलाज पहले घरेलु उपाय कर सकते है। अगर टॉन्सिल की बीमारी 2-3 दिन से अधिक रहती है और दर्द ज्यादा हो रहा है तो आयुर्वेदिक उपचार या टॉन्सिल का ट्रीटमेंट (Tonsils Treatment ) ले सकते है।
आयुर्वेदिक उपचार खुद से या किसी आयुर्वेदिक हॉस्पिटल से इलाज करवा सकते हो ।
टॉन्सिलाइटिस की दवा ( OTC medicines for Tonsillitis in Hindi) –
टॉन्सिलाइटिस के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।
- Nain Capsule
- Himalaya Septilin Syrup
- Baidyanath Khadiradi Bati
- Baidyanath Shwas Kuthar Ras
- Himalaya Septilin Tablet
- Avn Koldoff Tablet
- Dhootapapeshwar Mincof Syrup
- Patanjali Divya Khadiradi Vati
- Planet Ayurveda Kanchnaar Guggul
- Sri Sri Tattva Kanchanara Guggulu Tablet
टॉन्सिलाइटिस के लिए जरूरी सुझाव –
टॉसिलाइटिस के रोगियों को तब तक दवाईयां लेनी चाहिए जब तक पूरा कोर्स न ख़त्म हो जाए। कई लोगों के साथ ऐसा होता है कि दवा लेने पर टॉन्सिलाइटिस कुछ दिनों के लिए दब तो जाता है पर वो दोबारा उभर जाता है। उनके साथ ऐसा बार-बार होता है। ऐसे में टॉन्सिलाइटिस का ऑपरेशन कराना पड़ता है।
टॉन्सिल की आयुर्वेदिक दवा (टॉन्सिल की टेबलेट) –
जैसा की बाबा रामदेव ने बताया है 50 ग्राम त्रिकटु चूर्ण, 5 ग्राम अभ्रक भस्म और 5 ग्राम प्रवाल पिस्टी को मिला कर टॉन्सिल की दवा बनाकर बस दिन में 2 बार इसका सेवन करना है। यह दवा बच्चो को देनी हो तो उसमे 1 ग्राम स्वर्ण वसंतमलती और थोड़ा शहद मिला कर बच्चो को दे सकते है.
इस दवा में बबूल की छाल गरम पानी में डाल कर कुल करने पर अधिक फायदा प्राप्त होता है।
टॉन्सिल से निजात पाने के लिए घरेलू उपाय –
- हरड़, बहेड़ा और आंवला को बराबर मात्रा में पीसकर त्रिफला चूर्ण बना लें। रात को सोने से पहले एक चम्मच गर्म पानी खा लें। इससे सूजन के साथ कफ की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
- सौंठ, पिपली, काली मिर्च को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर त्रिकुटा चूर्ण बना लें। रोजाना 1-1 ग्राम शहद के साथ चाट लें।
- शीतोपलादि को शहद के साथ खाएं।
- अदरक का रस , तुलसी के 5-6 पत्तियों को पीसकर इसे शहद के साथ लें।
- आंवला का जूस, आवंला का मुरब्बा आदि आंवला से संबंधित चीजों का सेवन करे।
- त्रिकुटा 20 ग्राम और बबुल की छाल का पाउडर 20 ग्राम लेकर शहद के साथ चटा दें।
- अजवाइन, कपूर, पिपरपिंट बराबर लेकर यूके लिपस्टिक और लौंग का तेल मिलाकर दिव्य धारा बना लें। इसे गर्म पानी में कुछ बूंदे डाल दें। इसके बाद इसकी वाष्प ले लें। इससे गले का दर्द, टॉन्सिल के साथ कई तरह की एलर्जी में लाभ मिलेगा।
- गर्म पानी में हल्दी और सेंधा नमक डालकर गरारा करे। इससे आपको लाभ मिलेगा।
Conclusion (टॉन्सिल का दवा का नाम) –
आज के इस पोस्ट ” टॉन्सिल का टैबलेट का नाम ” के माध्यम से आपने जाना कि Tonsil क्या है और टॉन्सिल्स में सूजन क्यों होता है.साथ ही आपने जाना कि tonsil के लिए कौन-कौन से दवा का इस्तेमाल किया जाता है और टॉन्सिल्स का घरेलू ईलाज कैसे करें. इसके अलावा टॉन्सिल्स की समस्या से राहत पाने के लिए घरेलू उपायों को भी जाना.
आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और आपको उचित जानकारी मिली होगी.. धन्यवाद.