LDH (Lactate Dehydragenase) Test in Hindi | LDH full form in Hindi.
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका आज के इस पोस्ट “LDH test in Hindi ” में. आज के इस पोस्ट के माध्यम से आप जानेंगे कि LDH test क्या होता है और यह क्यों किया जाता है. साथ ही आप जानेंगे कि इसका नॉर्मल रेंज कितना होता है और इसके घटने या बढ़ने के कौन-कौन से कारण होतें हैं. तो चलिए सबसे पहले जानतें हैं कि LDH test क्या होता है?
LDH test in Hindi. |
LDH test क्या होता है? (What is LDH test in Hindi).
LDH का फुल फॉर्म यानि पूरा नाम Lactate Dehydragenase होता है.LDH एक प्रकार का एंजाइम होता है जो हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिका, लीवर, हृदय, किडनी और अन्य कोशिकाओं में भी पाया जाता है.यह हमारे शरीर में उर्जा का एक स्रोत है.
हमारे शरीर में LDH यानि lactate dehydragenase की मात्रा का पता लगाने के लिए LDH test कहा जाता है. जब भी हमारे शरीर में किसी प्रकार की चोट या खरोच लगती है या कोई टिशूज डैमेज होता है तो हमारे शरीर में LDH का लेवल बढ़ने लगता है.
LDH test क्यों किया जाता है?
जब डॉक्टर को यह लगता है कि मरीज को हार्ट की समस्या है या फिर कोई कोशिका डैमेज हुआ है तो यह टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा यदि मरीज का ईलाज पहले से ही चल रहा है तो दवाई का असर पता करने के लिए भी यह टेस्ट किया जा सकता है.
जब भी हमारे शरीर में LDH का लेवल बढ़ने लगता है तो इसका मतलब होता है कि आपके शरीर में किसी प्रकार का इंफेक्शन या इंफ्लामेशन या फिर कोई बीमारी है. परन्तु इससे यह पता नहीं चलता है कि आपके किस अंग में समस्याएं हैं. इसलिए इसका पता लगाने के लिए LDH isotypes test किया जाता है.तो चलिए जानतें हैं LDH isotypes के बारे में.
LDH isotypes कितने प्रकार का होता है?
LDH isotypes पाँच प्रकार का होता है. जो इस प्रकार है –
- LDH 1 – LDH 1 isotypes एंजाइम मुख्यतः हृदय (heart) और लाल रक्त कोशिकाओं (red blood cells) में पाया जाता है.
- LDH 2 – LDH 2 isotypes एंजाइम भी हृदय और लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है.
- LDH 3 – LDH 3 isotypes एंजाइम लसीका उत्तक (lymph tissues), फेफड़ो, प्लेटलेट्स और अग्नाशय में पाया जाता है.
- LDH 4 – LDH 4 isotypes एंजाइम लीवर (liver) और कंकाल की मांशपेशियो (skeletal muscle) में पाया जाता है.
- LDH 5 – LDH 5 एंजाइम भी लीवर (liver) और कंकाल की मांशपेशियो (skeletal muscle) में पाया जाता है.
किसी भी बीमारी का सही से पता लगाने के लिए और इसके अलावा और भी कई प्रकार के टेस्ट कराने की सलाह दी जा सकती है.
LDH के बढ़ने से क्या होता है?
जब भी हमारे शरीर में किसी प्रकार की सूजन या इंफ्लामेशन या फिर किसी जगह चोट लगती है या कोई टिशूज डैमेज होता है तो ही LDH लेवल बढ़ने लगता है. जिसके बढ़ने के निम्नलिखित संकेत हो सकते हैं. जो इस प्रकार है –
- फेफड़ो की बीमारियों
- लीवर की बीमारी
- किडनी की समस्या
- मांशपेशियो में सूजन
- एनिमिया
- विभिन्न प्रकार के कैंसर
- मस्तिष्क की बीमारी
- फ्रैक्चर या ट्रामॉ
एलडीएच लेवल बढ़ने से इस प्रकार की बीमारियों के होने का संकेत हो सकता है. चूकि यह टेस्ट एक Non specific test है, जिससे किसी खास बीमारी के होने का संकेत नहीं मिलता है.इसलिए इसके अलावा और भी कई तरह के बीमारी हो सकता है या फिर कोई टिशूज डैमेज हुआ हो तो भी यह बढ़ सकता है.
LDH test कराने से पहले क्या करें?
LDH test कराने से पहले किसी खास तरह के तैयारीयों की जरूरत नहीं होती है परन्तु यदि आप किसी दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो उसकी जानकारी डॉक्टर को जरूर दें. क्योंकि कुछ दवाईयों के कारण टेस्ट का परिणाम प्रभावित हो सकता है.
इसलिए जब आप किसी डॉक्टर के पास जाए तो उसे अपने स्वास्थ्य और दवाइयों के बारे में पूरी जानकारी जरूर दें. ताकि डॉक्टर आपके बीमारी को समझ सकें और आपका ईलाज सही से कर सकें.
LDH test कैसे किया जाता है?
LDH test करने के लिए आपके बाजू से ब्लड सैम्पल लिया जाता है और फिर लैब में जाँच किया जाता है. यह टेस्ट हमारे शरीर के अन्य फ्यूल्ड से भी किया जाता है जैसे कि CSF fluid से तो इस स्थिति में आपका लंबर पंक्चर करके इस सैम्पल को निकाला जाता है और फिर लैब में जाँच किया जाता है. इस तरह के टेस्ट अधिकांशतः fully automated analyzer या semi auto analyzer के द्वारा ही किया जाता है.
LDH test के जोखिम –
LDH test करने के लिए आपके बाजू से ब्लड सैम्पल लिया जाता है जिससे आपको थोड़ी सी समस्या हो सकती है जैसे कि चक्कर आना, हैमोटैमा, या कमजोरी महसूस हो सकता है इसलिए आप थोड़ी देर बैठ कर आराम कर ले.उसके बाद ही कही जाए. यदि CSF fluid का सैम्पल लिया जाता है तो इससे हल्का दर्द हो सकता है.
LDH test का नार्मल रेंज और परिणाम –
LDH test का नार्मल रेंज व्यक्ति के उम्र के अनुसार अलग-अलग होता है. जो U/L यानि यूनिट प्रति लीटर में मापा जाता है. जो इस प्रकार है –
- Newborn baby – 160-450 Units /litres
- Infants – 100-250 Units /litres
- Child -60-170 Units / litres
- Adult – 100-190 Units /litres
समान्य परिणाम – LDH test का समान्य परिणाम यह बताता है कि आपका LDH लेवल समान्य है और वह सारे अंग ठीक से काम कर रहें हैं जिसमें LDH एंजाइम पाया जाता है.समान्यत: LDH लेवल कम नहीं होता है.
असमान्य परिणाम – LDH test का असमान्य परिणाम यह बताता है कि आपका कोई अंग में समस्याएं हैं या कोई टिशूज डैमेज हुआ है जिस कारण से LDH का लेवल बढ़ता है.
यह अन्य कारणों से भी बढ़ सकता है जैसे कि लीवर की बीमारी में, किडनी की समस्या में, हृदय की बीमारियों में,एनिमिया में या मांशपेशियो के डैमेज होने के कारण भी बढ़ सकता है.
LDH test की कीमत कितनी होती है?
LDH test की कीमत अलग-अलग लैबों में अलग-अलग होता है जो समान्यत: 250-400 रूपए तक हो सकता है.यह आपके द्वारा चुने गए लैबों पर निर्भर करता है.अत: जब भी आप कोई टेस्ट कराने जाए तो किसी अच्छे और मान्यता प्राप्त लैब में ही जांच कराए.
Conclusion (LDH test in Hindi) –
आज के इस पोस्ट “LDH test in Hindi ” के माध्यम से आपने जाना कि LDH test क्या होता है और यह क्यों किया जाता है. साथ ही आपने जाना कि LDH test का नार्मल रेंज कितना होता है और इसके घटने या बढ़ने से क्या होता है और इसके कौन-कौन से कारण होतें हैं.
आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो अपना कमेंट जरूर करें और किसी प्रकार का सुझाव हो तो वह भी जरूर बताएं. धन्यवाद.