Appendix meaning in hindi | Appendix क्या होता है?

 Appendix meaning in hindi | Appendix क्या होता है? 

Appendix meaning in hindi के इस पोस्ट में. आज आप जानेंगे कि appendix क्या होता है और यह क्यों होता है. इसके कारण क्या हैं और इसका उचित ईलाज कैसे किया जाता है और कैसे कराए. इसके साथ ही Appendix से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारीयों को जानेंगे .इसलिए आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेगें और समझेंगें. 

तो चलिए सबसे पहले जानतें हैं कि Appendix का मतलब क्या होता है (what is Appendix meaning in hindi). 

    अपेंडिक्स क्या है?(What is appendix meaning in hindi). 

    Appendix आंत का एक जुड़ा होता है,जो एक पतली और छोटी सी ट्यूब होती है जिसकी लंबाई लगभग 2 – 3 inch तक होती है.बड़ी आंत में जहां पर मल बनता है वहां पर ये आंत से जुड़ी होती है. अपेंडिक्स में होने वाली एक दर्दभरी सूजन को अपेंडिसाइटिस (Appendicitis) के नाम से जाना जाता है.

    Appendicitis में पेट में बहुत दर्द के जैसा रहता है जो पीड़ा चलने में और भी बढ़ जाती है.अपेंडिक्स पेट के दायें ओर निचे रहती है.अपेंडिक्स एक तरफ से खुला हुआ रहता और दूसरे तरफ से बंद रहता है.आंत में सूजन और अत्यधिक दर्द होने के कारण अपेंडिक्स हो जाता है.अधिक बढ़ने पर इसे Operation की सहायता से खत्म किया जाता है.

    अपेंडिसाइटिस(Appendicitis) के शुरुआत में आमतौर पर पेट के बीच के हिस्से में बार-बार दर्द होता है.कुछ ही घंटो में दर्द पेट के दाहिने निचले भाग में भी होने लगता है, जहां पर अपेंडिक्स स्थित होता है और दर्द गंभीर बन जाता है. इसका दर्द खासतौर पर चलने, खांसने या इस जगह को दबाने से और भी ज्यादा गंभीर हो जाता है.

    अपेंडिक्स(Appendicitis) के क्या लक्षण है ? 

    अपेंडिसाइटिस होने पर इसके कई लक्षण दिखाई देते हैं जैसे कि -जी मिचलाना (मतली), भूख कम लगना, बुखार और लाल चेहरा होना जैसे लक्षण होते हैं.

    • जी मिचलाना.
    • उल्टी आना.
    • भूख में कमी आना.
    • नाभि के चारो ओर बहुत अधिक दर्द होना.
    • हल्का बुखार रहना.
    • जीभ के ऊपरी सतह पर सफ़ेद आवरण होना.
    • पेशाब करने में परेशानी.
    • पेट में गंभीर ऐंठन.
    • गैस के साथ कब्ज या दस्त की समस्या.
    • अपेंडिसाइटिस पेशाब को भी प्रभावित करता है.

    अगर किसी व्यक्ती को अपेंडिसाइटिस होने का संदेह होता है तो इस स्थिति में जुलाब (laxatives) की गोलियाँ नहीं लेनी चाहिए.अगर अपेंडिसाइटिस से प्रभावित व्यक्ति जुलाब की गोलियाँ ले तो उससे अपेंडिक्स फट सकता है.

    अपेंडिक्स (Appendicitis ) से बचाव करने के तरीके –

    अपेंडिसाइटिस की रोकथाम

    अपेंडिसाइटिस को रोकने के लिए नियमित स्वास्थ्य निवारक जाँच के अलावा कोई अन्य तरीका नहीं है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इसी तरीके से शरीर के अंतरिक अंगों की जाँच की सकती है और उनकी स्तिति का पता लगाया जा सकता है. 

    हालांकि जो अधिक मात्रा में फाइबर युक्त आहार लेते हैं, उनमें अपेंडिसाइटिस जैसी समस्या होने की सम्भावनाएं कम हो जाती हैं. हालांकि इसका पूर्ण रूप से प्रमाण नहीं दिया जा सकता मगर एक संभावित कारण यह हो सकता है कि फाइबर मल को नरम बनाता है जिससे उसके अपेंडिक्स में फंसने की संभावना कम हो जाती हैं.

    अपेंडिसाइटिस के निदान के लिए लैब टेस्ट 

    अपेंडिसाइटिस के निदान और अन्य स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं की पुष्टी करने के लिए डॉक्टर, कुछ लैब टेस्ट करवा सकते हैं जो इस प्रकार हैं-

    खून की जांच (Blood test) – इससे डॉक्टर को मरीज की सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या पता चलती है, जो की संक्रमण की संभावना जांचने में मदद करता है.

    मूत्र की जांच (Urine test) – मूत्र परिक्षण से डॉक्टर यह जांच करेंगे कि मूत्र मार्ग में संक्रमण या गुर्दों में पथरी ही कहीं दर्द का कारण तो नहीं है.

    इमेजिंग टेस्ट (Imaging tests) – मरीज की अपेंडिसाइटिस की पुष्टी करने या दर्द के किसी अन्य कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर पेट का एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और सी.टी. स्कैन करते हैं.जब निदान की पुष्टी करने के लिए जरूरत पड़ने पर डॉक्टर एमआरआई परिक्षण (MRI Exam), या सी.टी. स्कैन (CT Scan) जैसे टेस्ट कर सकते हैं.इन इमेजिंग टेस्ट से पेट के दर्द के कुछ स्त्रोत डॉक्टर को दिख सकते हैं जैसे:

    अपेंडिक्स का फैला हुआ या फटा हुआ होना

    सूजन

    अपेंडिक्स में किसी प्रकार की रुकावट

    फोड़े होना

    अपेंडिक्स (अपेन्डिसाइटिस) के नुकसान – Appendicitis Complications in Hindi

    अपेंडिसाइटिस की जटिलताएं

    अपेंडिसाइटिस में जटिल स्थिति तब उत्पन्न होती है जब संक्रमित और सूजन आई हुई अपेंडिक्स फट जाए.ऐसा होने पर अपेंडिक्स में जमा मल पदार्थ पेट की गुहा को दूषित कर देता है, जिस कारण से पेरिटोनाइटिस (peritonitis; पेरिटोनियम की सूजन – पेरिटोनियम एक ऊतक की परत है जो पेट के अंदरूनी दीवार पर होती है और आपके पेट के सभी अंगों को सहारा देती है) और फोड़े (abscess) हो सकते है.

    पेरिटोनाइटिस – जब अपेंडिक्स फट जाता है तो उसमें से निकलने वाले बैक्टीरिया शरीर के बाकी भागों में फैल कर संक्रमण फैला देते हैं. जब संक्रमण पेरिटोनियम में फैलता है तब पेरिटोनाइटिस की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. पेरिटोनियम, ऊतकों की एक पतली झिल्ली होती है जो पेट के अंदरूनी हिस्से को ढक कर रखती है.अगर पेरिटोनाइटिस का तुरंत इलाज ना किया जाए तो यह लंबे समय तक समस्या उत्पन्न कर सकती है और यहां तक की घातक हो सकता है. पेरिटोनाइटिस के इलाज में एंटीबायोटिक्स का उपयोग और सर्जरी के माध्यम से अपेंडिक्स निकालना शामिल होता है.

    पस वाले फोड़े – ये कई बार अपेंडिक्स के फटने के बाद उसके चारों तरफ बनने लग जाते हैं, जो एक दर्दनाक मवाद (पस) से भरे होते हैं. फोड़ा तब उत्पन्न होता है जब संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर प्रयास कर रहा होता है.यह शरीर से अपेंडिक्स को हटाने के लिए सर्जरी के कारण भी हो जाता है. मगर ऐसा 500 मामलों में से 1 ही पाया जाता है. फोड़े का इलाज कई बार एंटीबायोटिक्स के माध्यम से किया जाता है, मगर ज्यादातर मामलों में फोड़े के अंदर से मवाद को निकालना ही पड़ता है. एनेस्थेटिक देकर, अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन की मदद से, एक सुईं से मवाद को बाहर निकाल दिया जाता है और अगर सर्जरी के दौरान कोई फोड़ा दिख जाए तो उसको अच्छे से साफ कर दिया जाता है और एंटीबायोटिक दे दी जाती है.

    अपेंडिक्स होने के क्या कारण है ? – 

    भोजन का सही से पाचन ना होने के कारण कब्ज की समस्या उत्पन्न हो जाती है और अपेंडिक्स में समस्या आ जाती है.

    आंतो में भोजन के कुछ कण जाने के कारण अपेंडिक्स में समस्या आ जाती है.

    यदि भोजन में फाइबर की मात्रा कम होती है, तो अपेंडिक्स में दर्द होने का खतरा हो जाता है.

    यदि फलो के बीज अपेंडिक्स में फस जाते है तो इसके कारण अपेंडिक्स पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है.

    यदि अपेंडिक्स में किसी तरह से गाठ या कैंसर हो तो यह भी एक कारण है अपेंडिक्स बीमारी को बढ़ाने का जिससे जान का खतरा भी हो सकता है.

    अपेंडिक्स का इलाज क्या है ?(What are The Treatments for Appendix in Hindi)

    अपेंडिक्स का इलाज सामान्य तौर पर सर्जरी द्वारा किया जाता है. सर्जरी की सहायता से अपेंडिक्स को शरीर से बाहर निकाला जाता है.

    कुछ वैज्ञानिक के शोध में अपेंडिक्स का इलाज बिना सर्जरी किये कुछ मामलो में एंटीबायोटिक्स दवाओं के द्वारा किया जा सकता है.

    यदि व्यक्ति के अपेंडिक्स में फोड़े निकल जाते है तो डॉक्टर उसे दवा के द्वारा मवाद बनाकर बाहर निकालने का प्रयास करते है.

    यदि फोड़ा मवाद के रूप में बाहर नहीं निकल पाता है, तो शरीर से बाहर अपेंडिक्स को निकाल देते है.

    यदि डॉक्टर को ज्ञात हो जाता है की अपेंडिक्स फटने वाला है तो तुरंत सर्जरी कर देते है.जिससे मरीज को राहत मिल सके.

    अपेंडिक्स के घरेलु इलाज क्या है ?

    छाछ में काला नमक मिलाकर पीये अपेंडिक्स में आराम मिलेगा.

    लहसुन की दो से तीन कालिया खाये और भोजन के साथ भी लहसुन की कालिया खाये यह करने से अपेंडिक्स में फायदा मिलेगा.

    हरी-सब्जी पालक का अधिक सेवन करे, क्योकि पालक का सेवन करने से आंत की बीमारिया दूर हो जाती है.

    भोजन करने के कुछ समय पहले सेंधा नमक किसी भी टमाटर, मूली, गाजर के सलाद के साथ मिलाकर खाये.

    गाय या भैंस के दूध को अच्छी तरह उबाल ले और ठंडा होने के बाद पीये अपेंडिक्स के दर्द से थोड़ा आराम मिलेगा.

    पानी को अधिक पीये शरीर में पानी की मात्रा बढ़ेगी और पेट की कोई समस्या नहीं होगी.

    Last word –

    दोस्तों आपने आज के इस पोस्ट “Appendix meaning in hindi ” के माध्यम से जाना कि appendix क्या होता है और यह क्यों होता है. साथ ही आपने इसके ईलाज और बचाव के तरीके के बारे में जाना. 

    आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और यदि अच्छा लगा हो तो अपना बहुमुल्य कमेंट करके, अपनी राय जरूर दें. धन्यवाद. 

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