Salmon fish in hindi | साल्मन फिश के फायदे और नुकसान.

 Salmon fish in hindi | साल्मन फिश के फायदे और नुकसान. 

नमस्कार, स्वागत है आपका आज के इस पोस्ट “Salmon fish in Hindi ” में. आज आप जानेंगे कि salmon fish क्या होता है और यह खाने से क्या क्या फायदे और नुकसान होतें हैं. साथ ही आपको साल्मन मछली से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारी मिलने वाली है. इसलिए आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेगें और समझेंगें. 

Salmon fish in hindi | साल्मन फिश के फायदे और नुकसान.
Salmon fish in hindi. 

    सालमन मछली क्या है? ( What is Salmon Fish in Hindi).

    साल्मन मछली की एक प्रजाति होती है, जो खारे पानी और मीठे पानी में भी रहती है. साल्मन रंग होने के कारण इसे साल्मन मछली कहा जाता है.सालमन मछली की ऊपरी सतह चांदी जैसी दिखाई देती है, लेकिन जब इसकी त्वचा को साफ किया जाता है, तो यह नारंगी रंग की दिखती है.

    साल्मन मछलियां अपने अंडे देने के लिए ताजे पानी की ओर आती हैं.इस मछली का अधिकतम वजन 57.4 किलोग्राम और लम्बाई 1.5 मीटर तक हो सकती है.

    साल्मन मछली की पहचान और विशेषाएँ –

    1. सालमन मछली (Salmon Fish In Hindi) ताजे और खारे दोनों प्रकार के पानी में पाई जाती है.यह फिश पूरी दुनिया में मिलती है.खासकर महासागरों में सालमन मछली मिलती है.पूरी दुनिया में इसे बड़े ही चांव से खाया जाता है.
    2. इस मछली की मुख्य विशेषता यह है की सालमन अपने अंडे पानी के मुहाने पर देती है.इन अंडों से ही बच्चे निकलते है और आमतौर पर अंडे देने के बाद सालमन फिश मर जाती है.
    3. सालमन मछली का रंग हल्का गुलाबी होता है.दिखने में यह मछली सफेद रंग की होती है.वैसे कुछ सालमन नीली और लाल भी होती है.इनका रंग आयु और पानी के अनुसार चेंज हो जाता है.
    4. साल्मन मछली का आकार 20 इंच से लेकर करीब 5 फ़ीट होता है.चेरी सालमन मछली सबसे छोटी सालमन है जबकि चिनूक सालमन सबसे बड़ी सालमन है.
    5. सालमन मछली में ओमेगा 3 एसिड पाया जाता है. इस एसिड के कई फायदे है.यह दिल, त्वचा, दिमाग के स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है.इसके अलावा विटामिन ए और डी भी पाया जाता है. सालमन मछली प्रोटीन का भी रिच सोर्स है.
    6. यह मछली माइग्रेट भी करती है.मीठे पानी से खारे पानी की और यह प्रवास करती है. समुद्र में भी दूर दूर तक सालमन फिश प्रवास करती है.ताजे पानी में सालमन मछली पैदा होती है लेकिन खारे पानी की और प्रवास करती है.सालमन उन मछलियों में आती है जो खारे और ताजे दोनों प्रकार के पानी में रह सकती है.

    सालमन फिश में क्या क्या पाया जाता है? 

    साल्मन फिश के प्रति 100 ग्राम में निम्नलिखित पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं,जो इस प्रकार है –

    • जल – 75.52g
    • ऊर्जा – 127kcal
    • प्रोटीन. – 20.5g
    • टोटल लिपिड- 4.4g

    मिनरल्स

    • कैल्शियम. – 7mg
    • आयरन. – 0.38mg
    • मैग्नीशियम –  27mg
    • फास्फोरस – 261mg
    • पोटैशियम – 366mg
    • सोडियम   – 75mg
    • जिंक – 0.39mg
    • कॉपर – 0.063mg
    • सेलेनियम – 31.4μg

    विटामिन

    • थियामिन – 0.08mg
    • राइबोफ्लेविन – 0.105mg
    • नियासिन (विटामिन बी3) -7.995mg
    • विटामिन बी-6 – 0.611mg
    • फोलेट (कुल,डीएफई,फूड) – 4μg
    • विटामिन बी-12 – 4.15μg
    • विटामिन-ए (आरएई) – 35μg

    लिपिड

    • फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड – 0.81g
    • फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड -1.348g
    • फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड – 0.811g

    सालमन मछली के फायदे – Benefits of Salmon Fish in Hindi

    साल्मन मछली में कई प्रकार के पौष्टिक तत्व होने के साथ, यह बहुत ही स्वादिष्ट भी होता है. सालमन मछली खाने के निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं.

    हृदय स्वास्थ्य के लिए सालमन मछली का सेवन होता है फायदेमंद –

    Heart health को बनाए रखने के लिए सालमन फिश का सेवन करना फायदेमंद होता है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, हफ्ते में एक बार सालमन मछली खाने से हार्ट अटैक और अन्य हृदय रोगों से सुरक्षित रहने में मदद मिल सकती है.क्योंकि सालमन मछली में ऐसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे हार्ट के लिए अच्छा होता है. 

    इसलिए इसे हफ्ते में कम से कम एक से दो बार सालमन मछली का सेवन किया जा सकता है.यदि इसे खाने से जुड़े सवालों के बारे में संकोच है तो अपने डॉक्टर से सलाह लेकर शुरू कर सकते हैं. 

    वजन घटाने के लिए 

    सीडीसी (सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के अनुसार वजन घटाने के लिए कम कैलोरी युक्त भोजन का सेवन करने से वजन पर नियंत्रण रखा जा सकता है. 

    इस तरह के खाद्य पदार्थ में पानी और फाइबर की अच्छी मात्रा होती हैं, जो पेट को भरा हुआ रख सकते हैं.इसके लिए भूनी हुई सालमन मछली खाने से वजन को कम किया जा सकता है. 


    बालों के लिए सालमन मछली के लाभ

    बालों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी सालमन मछली का उपयोग किया जा सकता है.एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) के मुताबिक बालों को स्वस्थ रखने के लिए सालमन मछली में मौजूद विटामिन-डी3 का सेवन लाभदायक हो सकता है.विटामिन डी-3 बालों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है.

    सूजन को करने के लिए

    सालमन फिश में ओमेगा-3 और फैटी एसिड भी पाया जाता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी क्रिया को प्रदर्शित कर सकता है. जिससे हमारे शरीर में होने वाले सूजन की समस्या में राहत मिलता है और इस तरह सालमन मछली का सेवन करना हमारे लिए और भी फायदेमंद होता है. 

    दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए

    एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) के अनुसार, सालमन मछली में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करने से दिमाग की कार्यक्षमता में सुधार कर सकता है, जिससे याद करने की क्षमता, नई चीजों को सीखने की क्षमता और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार हो सकता है.

    कैंसर की स्थिति से बचाव के लिए

    कैंसर से बचने के लिए भी सालमन मछली का सेवन किया जा सकता है जो काफी हद तक कोलन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर से बचाने में मदद कर सकता है क्योंकि इसमें ओमेगा 3 और फैटी एसिड पाया जाता है.

    इस तरह के जोखिम से बचने के लिए मछली को पकाकर खाया जा सकता है.परन्तु ध्यान दें कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसका उपचार सिर्फ मेडिकल ट्रीटमेंट से ही संभव है.

    प्रोटीन के उच्च स्रोत के रूप में

    सालमन मछली में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है,जिस कारण इसे खाद्य पदार्थ के एक बेहतर स्रोत के रूप में उपयोग किया जाता है.प्रोटीन हमारे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व है,जो हमारे हड्डियों, मांसपेशियों के विकास और त्वचा के लिए बहुत जरूरी होता है. 

    विटामिन-बी और विटामिन-डी के रूप में

    सालमन मछली में विटामिन-बी और विटामिन-डी भी पाया जाता है. सालमन मछली में विटामिन-बी समूह का विटामिन-बी3, बी1, बी12 पाया जाता है.

    विटामिन-बी3 के सेवन से पिलैग्रा (Pellagra) यानी शरीर में नियासिन की मात्रा की कमी से होने वाले रोगों से बचाता है. इस रोग में सूर्य की किरणों के संपर्क में आने से त्वचा पर रैशेज और भूरे रंग के दाग होने लगते हैं। साथ ही त्वचा खुरदरी भी हो जाती है।

    इसके अलावा, सालमन मछली में पाया जाने वाला विटामिन-डी हमारे हड्डियों, आंत (Intenstine), इम्यूनिटी, हृदय की कार्यप्रणाली, अग्न्याशय (Pancreas), मांसपेशियों और मस्तिष्क के लिए लाभदायक हो सकता है.

    सेलेनियम के उच्च स्रोत के रूप में

    सालमन मछली में उचित मात्रा में सेलेनियम भी पाया जाता है. जो हमारे शरीर के मांशपेशियो, हार्ट और हड्डियों के लिए बहुत ही उपयोगी होता है. इसलिए शरीर 

    में सेलेनियम की पूर्ति के लिए सालमन मछली खाया जा सकता है. 

    एस्टैक्सैंथिन (Astaxanthin) के रूप में

    चूकि साल्मन मछली एक समुन्र्दी मछली है, जिस कारण इसमे एस्टैक्सैंथिन की मात्रा पाई जाती है. एस्टैक्सैंथिन एक जेन्थोफिल कैरोटीनॉयड है, जो विभिन्न सूक्ष्मजीवों और समुद्री जीवों में पाया जाता है.एस्टैक्सैंथिन की वजह से ही सालमन मछली का रंग गुलाबी होता है. 

    इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और फ्री-रेडिकल्स को डैमेज करने वाले गुण होते हैं.साथ ही यह हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हो सकता है.डॉक्टरी सलाह पर आप इसको फिश की किसी भी डिश के रूप में खा सकते हैं.

    सालमन मछली का उपयोग – (How to Use Salmon Fish in Hindi).

    सालमन मछली को निम्न प्रकार से उपयोग किया जा सकता है-

    1. सालमन मछली को तेल में फ्राई करके खातें हैं.
    2. सालमन मछली को कडी बनाकर या रसदार बनाकर भी खाया जा सकता है.
    3. जब आपके पास तेल ना हो तो इसे पका कर भी खा सकतें हैं. 
    4. और इसे लेमन बटर के साथ पकाकर खा सकतें है.
    5. साथ ही इसे किसी सब्जी के साथ भी खा सकतें हैं.

    साथ ही अन्य कई तरहों से सालमन मछली का उपयोग किया जाता है.इस मछली से और इसके ऑयल से कई तरह के खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं,जो हमलोगों के स्वस्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी होता है. 

    साल्मन मछली कब खाना चाहिए और कितना –

    सालमन मछली कब खाएं- 

    सालमन मछली को सुबह नाश्ते में खा सकते हैं साथ ही इसे दोपहर को लंच के साथ भी आप सालमन मछली का सेवन कर सकते हैं.साथ ही साथ सालमन मछली को रात में डिनर के रूप में भी खा सकते हैं.यानि कि आप तीनों टाईम में किसी भी समय इसका सेवन कर सकते हैं. परन्तु सिमित मात्रा में खाए. क्योंकि कोई भी चीज ज्यादा खाने से तकलीफ हो जाती है. 

    सालमन मछली कितनी मात्रा में खाएं –

     सालमन मछली के सेवन की सही मात्रा की जानकारी के लिए किसी आहार विशेषज्ञों की सलाह लें या फिर आप अपने डॉक्टर से इसके बारे में सलाह ले सकते हैं.साथ ही साथ इस बारे में भी उनसे अवश्य सलाह लें कि सालमन मछली को दिन भर में या हफ्ते में कितनी बार खाया जा सकता है.

    दोस्तों अभी आपने जाना कि साल्मन मछली कब और कितना खाना चाहिए. खाने के बाद अब बात करते हैं कि साल्मन मछली खाने से क्या नुकसान है. 

    सालमन मछली खाने के क्या नुकसान हैं? (Side Effects of Salmon Fish in Hindi).

    वैसे तो सालमन मछली कई गुणों और पोषकतत्वों से भरपूर होता है. जिसे खाने से हमें कई प्रकार की विटामीन और प्रोटीन की प्राप्ति होती है. परन्तु यदि किसी भी चीज को अधिक मात्रा में खाने से, वह सेहत के लिए नुकसानदायक होता है. सालमन मछली के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में अभी भी वैज्ञानिक शोध जारी है.

    वैसे तो इसके बहुत कम ही नुकसान हैं, जिनके बारे में नीचे बताया जा रहा है –

    कई बार ऐसा होता है कि मछवारे मछलियों को पकड़ने के लिए हानिकारक पदार्थों का प्रयोग करतें हैं, जो हमलोगों के लिए हानिकारक होता है तो हमें इस तरह की मछलीयों को खाने से बचना चाहिए. 

    साथ ही यदि गर्भवती महिलाओं को इस तरह की मछली दी जाती है तो यह उसके लिए हानिकारक हो सकता है इसलिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें और यह सुनिश्चित करलें कि मछली ताजा और स्वच्छ हो और जिसपर किसी दवाई का प्रयोग नहीं किया गया हो. 

    कई दिनों तक बर्फ में रखी सालमन को खाने से बचें.इससे कई तरह की शारीरिक समस्याओं के होने का खतरा हो सकता है.हालांकि, इस विषय पर सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है.

    जिन लोगों को जानवरों के प्रोडक्ट खाने से एलर्जी हो, वो डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन शुरू करें.

    सालमन मछली के फायदे और नुकसान जानने के बाद अब इसका सावधानीपूर्वक सेवन करें.इस मछली को खाने से पहले यह जरूर पता कर लें कि मछली को कृत्रिम रूप से पालने के दौरान कहीं किसी रासायनिक खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल तो नहीं किया गया है.स्वास्थ्य फायदों के लिए इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर की भी राय ली जा सकती है.

    Life Cycle Of Salmon In Hindi –

    1.  सालमन फिश (Salmon Fish) की Life Cycle उनके अंडे से निकलते हुए शुरू हो जाती है.अंडे से निकले इस बच्चे के साथ योक लगा होता है.सालमन की यह स्टेज एल्विन कहलाती है.
    2. कुछ हफ़्तों तक योक उसके शरीर से लगा रहता है और मछली योक से न्यूट्रिशन लेती है.कुछ बड़ी होने पर सालमन फिश बाहरी भोजन लेने लग जाती है.इस समय की अवस्था को सालमन फ्राई कहते है.
    3. कुछ और बड़ी होने पर यह मछली ट्रेवल करती है और दूर समुद्र में जाती है.एल्विन से लेकर वयस्क होने तक केवल 10 फीसदी सालमन ही जिंदा रह पाती है. वयस्क सालमन मछली वापस अपने घर ताजे पानी में लौटती है जो एक रिसर्च का विषय है.कैसे सालमन को अपने घर का रास्ता पता होता है.
    4. इन मछलियों की शिकारी मछलियां भी होती है.बड़ी मछलियां छोटी को खा जाती है.सालमन को व्हेल, डॉल्फिन, भालू इत्यादि खाते है.सालमन फिश का मुख्य भोजन छोटी मछली, झींगा इत्यादि जलीय जीव होते है.
    5. मछलियों में “Spawning” नामक क्रिया होती है जिसमे नर और मादा मछली अंडे और स्पर्म रिलीज करती है.सालमन मछली भी यह प्रोसेस करती है लेकिन ज्यादातर सालमन इस क्रिया के बाद जिंदा नही रहती है.
    6. मादा सालमन पानी के नीचे की तह में अंडों को डालती है और नर इन अंडों को स्पर्म से ढक देता है.एक जगह या घोंसले में करीब 5 हजार अंडे होते है.सालमन मछली ऐसा कई बार करती है.
    7. इस मछली का खून ठंडा होता है.इसकी पूरी बॉडी पर स्कैल्प होती है. यह मछली भी बाकी मछलियों की तरह गलफड़ों से सांस लेती है. सालमन फिश में सूंघने और महसूस करने की शक्ति होती है.
    8.  सालमन मछली (Salmon Fish) का औसत जीवनकाल 3 से 7 वर्ष के करीब होता है.ज्यादातर मछलियां शिकारियों द्वारा खा ली जाती है.

    Conclusion for 

    Salmon fish in Hindi –

    दोस्तों आज के इस पोस्ट ”  Salmon fish in Hindi ” के माध्यम से आपने जाना कि salmon fish क्या है और यह खाने से क्या फायदे और नुकसान होता है. साथ ही आपने इससे जुड़े और भी कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की. आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें. धन्यवाद. 

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