Urine sugar test in Hindi | यूरिन शुगर टेस्ट कैसे किया जाता है?
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका आज के इस पोस्ट “urine sugar test in Hindi ” में.आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम जानेंगे कि urine sugar test क्या होता है और urine में sugar क्यों आता है. साथ ही हम यह भी जानेंगे कि urine sugar test कैसे किया जाता है और कब कराना चाहिए? इसलिए आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेगें और समझेंगें.
Urine sugar test in Hindi. |
यूरिन शुगर टेस्ट क्या है? (What is urine sugar test in Hindi).
यह एक ऐसा परीक्षण है जिससे यूरिन में उपस्थित शर्करा की मात्रा को मापा जाता है. जब हमारे शरीर में शर्करा की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो किडनी इसे अच्छे से फिल्टर नहीं कर पाती है जिस कारण से यह यूरीन में आने लगता है. जब यूरीन में sugar, pass out होने लगता है तो इसे renal glycosurea कहा जाता है.जिसके लिए urine sugar test किया जाता है.
यूरिन शुगर टेस्ट क्यों किया जाता है?
जब हमारे ब्लड में शर्करा की मात्रा 180 mg/dl से ज्यादा हो जाती है तो यह urine में आने लगता है. जिसे मापने के लिए एक टेस्ट किया जाता है जिसे urine sugar test कहा जाता है.अर्थात urine में उपस्थित sugar की जांच करने के लिए urine sugar की जांच की जाती है.
Urine में sugar की जांच करने के कई तरीके हैं परंतु आज हम manually urine sugar की जांच करना सीखेंगे जो कि Benedict method के द्वारा करेंगे.परन्तु इससे पहले हम कुछ बातों को जानेंगे जिससे जुड़े सवाल आपके मन में आतें हैं.जैसे कि urine sugar की जांच कब कराना चाहिए और इसके कौन-कौन से लक्षण दिखाई देते हैं.तो चलिए जानतें हैं –
Urine sugar की जांच कब कराना चाहिए?
Urine sugar की जांच कराने की सलाह डॉक्टर के द्वारा तब दी जाती है जब आपको पहले से डायबिटीज हो या डायबिटीज के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. जैसे कि –
- बार-बार पैशाब लगना
- थकान महसूस होना
- कमजोरी होना
- ज्यादा पानी पीने की इच्छा होना
- मूत्र से फलों के जैसे गंध आना
- अत्यधिक मोटापा
- शरीर में सूजन होना
इसके अलावा और भी कई प्रकार के लक्षण दिखाई दे सकते हैं इसलिए इस प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करें और ऐसे लोग जिनकी उम्र 40 से ज्यादा हो, वे अपना चैकअप 3-6 महीने में कराते रहे और 40 से कम उम्र के लोगों को भी यह जांच साल में कम से कम एक बार जरूर कराना चाहिए. साथ ही किडनी से जुड़ी समस्या वाले और अत्यधिक मोटापा वाले लोगों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान अच्छे से रखना चाहिए.
Urine sugar test कराने से पहले –
Urine sugar test कराने से पहले किसी खास तरह के तैयारीयों की जरूरत नहीं होती है. बस इसके लिए यूरीन सैम्पल दिया जाता है. जिसकी जाँच लैब में की जाती है. यदि आप किसी दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो उसकी जानकारी डॉक्टर को जरूर दें.
तो इन सभी सवालों के बाद हम जानतें हैं कि urine sugar test कैसे किया जाता है?
Urine sugar test कैसे करें?
आज हम manually urine sugar की जांच करने की विधि को जानेंगे जो कि Benedict method के द्वारा करेंगें. इसके लिए निम्नलिखित चीजों की आवश्यकता होती है. जैसे कि –
Requirement for urine sugar test –
Urine sample
Benedict solution
Test tube
Tube holder
Spirit lamp
Procedure –
Step 1.
सबसे पहले एक Test tube ले, जो अच्छी तरह से साफ हो और इसमें pippette की सहायता से 5 ml Benedict solution डालें.
और इसे हल्का गर्म करके चैक कर लें कि Benedict reagent ठीक है या नहीं यदि Benedict reagent का color change नहीं होता है तो reagent ठीक है और यदि color change होता है तो वह पहले से contaminated है.
Step 2.
फिर इस Test tube में 0.5 ml या 8 drops urine sample डालें और tube को tube holder में फिट करें.
Step 3.
उसके बाद spirit lamp को जलाए और tube holder को पकड़कर tube को 3-5 मिनट गर्म करें या Boiling tap water में 5-10 मिनट तक रखें. (Tube गर्म करते समय ध्यान रखें कि tube ज्यादा गर्म ना हो और tube को हिलाते रहे).
Step 4.
फिर आप देखेंगें कि reagent का color change ( बदल) रहा है, उसके बाद tube को थोड़ी देर ठंडा होने के लिए छोड़ दे.
और फिर color के अनुसार रिजल्ट बनाए. Result को अच्छे से समझने के लिए नीचे दी गई बातों पर ध्यान दें.
Urine sugar test के परिणाम का मतलब –
Color change नहीं होने पर – यदि reagent का color नहीं बदलता है और वह नीले रंग का रहता है तो इसका मतलब है कि उसमे शुगर की मात्रा नहीं है और urine sugar report , Nil या Negative देते हैं.
हल्का हरा – यदि reagent का color नीले रंग से हल्के हरा रंग हो जाता है तो इसका मतलब है कि थोड़ी मात्रा में शुगर है और इसका urine sugar report ‘ Trace ‘ देते हैं.
हरा होने पर – यदि reagent का color गाढ़ा हरा हो जाता है तो इसका urine test report (+) देते हैं.
पीला होने पर – यदि reagent का color हरा से पीला हो जाता है तो इसका urine report (++) देते हैं.
पीला से Orange color होने पर – यदि reagent का color पीला से नारंगी (Orange) हो जाता है तो इसका urine test report (+++) दिया जाता है.
Red (Brick red) होने पर – यदि reagent का color, Orange से Brick Red color हो जाता है तो इसका urine sugar report (++++) दिया जाता है.
Last word –
दोस्तों आज के इस पोस्ट “urine sugar test in Hindi ” के माध्यम से आज आपने जाना कि urine sugar test क्या होता है और urine sugar test कैसे किया जाता है. साथ ही और भी कई महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोशिश किया हूं.
यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें. धन्यवाद.