Microscopic examination of urine in Hindi | Urine microscopic test in Hindi.
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका आज के इस पोस्ट “urine microscopic test in Hindi ” में, आज के इस पोस्ट में जानने कि urine microscopic test क्या होता है, urine microscopic examination क्यों किया जाता है और urine microscopic test कैसे किया जाता है.इन सभी के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी इसलिए आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़े और समझेंगे.
जब भी हमें मूत्र से जुड़ी समस्या होती है जैसे कि मूत्र में जलन होना, मूत्र का रंग पीला होना ,मूत्र त्याग करते समय दर्द होना या अन्य समस्या होती है तो हमें डॉक्टर से सलाह लेकर इसका जाँच जरूर कराना चाहिए.जब भी हमें मूत्र से जुड़ी समस्या होती है तो डॉक्टर सबसे पहले मूत्र की जांच लिखतें हैं.
जिसमें मूत्र की माइक्रोस्कोपी जाँच भी की जाती है.जिससे यह पता चलता है कि urine में कौन-कौन सी चीजें हैं.जिसके आधार पर पता लगाया जाता है कि आपको कौन सी समस्या है.तो चलिए जानतें हैं urine microscopic test के बारे में –
Urine microscopic examination क्या है?
Urine microscopic examination एक प्रकार का मूत्र परीक्षण है.इस जांच में urine (मूत्र) की जांच microscope के द्वारा की जाती है.जिसमें देखा जाता है कि आपके मूत्र में RBCs, Pus cells और अन्य बैक्टीरिया तो नहीं है. जिससे आपको समस्या हो रही है.
Urine microscopic test क्यों किया जाता है?
Urine microscopic examination, urine में उपस्थित बैक्टीरिया का पता लगाने के लिए किया जाता है.यदि urine में Pus cells आ रहा है तो इसका मतलब है कि आपको UTI infection है.जिसका सही से पता लगाने और आगे के इलाज के urine culture test किया जाता है.
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Urine microscopic examination कब कराना चाहिए?
Urine microscopic examination तब ही कराया जाता है जब आपको urine से जुड़ी समस्या हो.urine से जुड़ी समस्याओं के लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे कि –
- बार -बार पैशाब आना
- पैशाब करने में कठिनाई होना
- पैशाब करने के रास्ते में दर्द
- पैशाब में जलन होना
- उल्टी होना
- बुखार आना
- पेट के नीचले भाग में दर्द
- पैशाब का रंग लाल या अन्य रंग का होना
जब आपको इस प्रकार की समस्या दिखाई दे तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और ईलाज कराना चाहिए.
Urine microscopic examination कैसे किया जाता है?
Urine microscopic examination करने के लिए सुबह का mid stream urine sample देना चाहिए. इस टेस्ट के लिए निम्नलिखित चीजों की आवश्यकता होती है
Requirement for microscopic examination of urine –
Urine sample
Glass slide
Cover slip
Test tube
Centrifuge
Microscope
Procedure –
Urine microscopic examination के लिए सबसे पहले यूरिन सैम्पल लिया जाता है .
- उसके बाद एक साफ टेस्ट ट्यूब में urine sample ले लिजीए.
- फिर इसे अच्छे से centrifuge में रख दे और इसको Balance करने के लिए, बराबर मात्रा में पानी लेकर Balance कर दे. ताकि centrifuge ज्यादे आवाज ना करें और test tube ना फूटे.
- उसके बाद 2-3 thousand RPM पर 20-25 मिनट तक centrifuge करें.
- Centrifuge करने के बाद urine sample जो centrifuge किया गया है उसमें ऊपर के भाग को supernetant और नीचे बैठे हुए भाग को sediment कहा जाता है.
- अब tube में से supernetant को बहा दे और बचे हुए sediment को अच्छे से मिक्स करें.
- फिर एक बून्द sediment को slide पर रखे और cover slip से ढ़क दे.
- अब इसे microscope की सहायता से पहले 10x और फिर 40x पर microscopic करें.
Urine microscopic examination करने के दौरान कई प्रकार के cells ऐसे होते हैं जो समान्यत: urine में आ सकते हैं. परन्तु यदि अन्य cells भी दिखाई देता है तो इसका मतलब है कि आपको किसी प्रकार की UTI infection है. तो चलिए जानतें हैं इन cells के बारे में.
Urine microscopic examination में normally ये सभी दिखाई देते हैं –
Pus cells –
RBCs
Epithellial cells
Bacteria
Calcium oxalate
Yeast
Uric acid crystal
Red Blood Cells:
Urine Microscopic – RBCs
Urine में Red Blood Cells आम तौर पर गोलाकार और चमकीलें दिखाई देते है.यदि मूत्र में RBCs होता है तो इसका मतलब है कि आपको मूत्र मार्ग में चोट या रक्त स्राव हो रहा है.रजस्वला महिलाओं के मूत्र में भी रक्त आ सकता हैं | इस लिए इस समय urine की जाँच नहीं करनी चाहिए.
Pus Cells:-
Pus Cells गोलाकार होते हैं.जो लगभग 10-15 μ आकार में होते हैं और दानेदार granular और nuclei दिखाई देता है.Pus cells की उपस्थिति मूत्र में संक्रमण को दर्शाता है.
Epithelial cells:-
Squamous epithelial cells – यह ureter, Bladder और urethral से निकलते हैं.ये बड़ी आकार में होती है जिसमें अधिक मात्रा में कोशिका द्रव्य और एक छोटा सा केंद्रीय नाभिक होता है.यह महिला रोगियों में योनि और मूत्रमार्ग से आते हैं.
Multicellular epithelial cells – यह छोटी गोल सी दिखने वाली कोशिकाएं होती हैं ,जो लगभग श्वेत रक्त कण के माप की होती हैं. इनके अतिरिक्त कॉडेट इपिथीलियल कोशिका जिसमें एक पूँछ जैसी होती है भी देखे जा सकते है.यह ऊपरी मूत्रमार्ग से आती हैं.
Cystine Crystals:-
यह Crystals षष्टकोणीय चमकदार पत्ती जैसे होते हैं ,व कुछ कुछ uric acid crystal जैसे दिखते है.किन्तु यह हाइड्रोक्लोरिक एसिड में घुलनशील होते है. इसकी उपस्थिति cystinuria की सूचक हैं.
Leucine Crystals-
ये गाढ़ा ,पीले या भूरे रंग के होते हैं.वे क्षार में घुलनशील हैं वे आम तौर पर गंभीर यकृत रोग (सिरोसिस) में टाइपोसीन के साथ मूत्र में पाए जाते हैं.
Calcium carbonate crystals-
यह छोटे, रंगहीन , और जोड़े में समूहीकृत होते हैं.वे एसिटिक एसिड में घुलनशील होते हैं और जब वे विघटित हो जाते हैं तो गैस के बुलबुले बंद करते हैं.
Triple phosphates (ammonium magnesium phosphate)-
वे रंगहीन, चमकदार, prisms या ताबूत के ढक्कन की तरह होते है या एक पंख फर्न की तरह हो सकता है.
Bacteria–
ताजे मूत्र में सामान्यतः Bacteria नहीं पाए जाते परन्तु जांच से पहले अधिक देर तक पड़ा रहे तो Bacteria दिखने लगते है.यह छोटे छोटे रॉड के सामान दिखते है.
इनके अलावा और भी कई चीजें दिखाई दे सकते हैं.
आपने सीखा –
दोस्तों आज के इस पोस्ट “urine microscopic examination in Hindi ” में आपने जाना कि urine microscopic examination कैसे किया जाता है और कब कराना चाहिए. साथ ही आपने जाना कि urine microscopic examination क्यों किया जाता है. यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें.धन्यवाद.