Gall bladder stone symptoms in Hindi | पित्ताशय की पथरी -कारण, लक्षण और इलाज.
Gall bladder stone symptoms in Hindi. |
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग में, दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं “Gall bladder stone symptoms in Hindi ” अर्थात् ‘पित्ताशय की पथरी क्या होती है’ और यह क्यों होती है. साथी ही आज इस पोस्ट में जानने वाले हैं कि पित्त की पथरी अर्थात पित्ताशय की पथरी में क्या-क्या खाएं और क्या ना खाएं और पित्ताशय की पथरी का इलाज क्या होता है. इन सभी विषयों के बारे में बताया हूँ. आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेंगे और समझेंगे.
पित्ताशय क्या होता है?
पित्ताशय का हमारे शरीर में एक महत्वपूर्ण स्थान है. यह हमारे उदर के दाएं साइड में लिवर से और अॉत से जुड़ी होती है. यह लिवर से स्रावित होने वाली पित्त रस को स्टोर (एकत्रित) करने का काम करती है.जो भोजन को पचाने में सहायक होती है. यह खासकर वसायुक्त भोजन को पचाने में मदद करता है.
यदि हमारे शरीर में पित्त सही से काम ना करें तो हमें कई प्रकार की समस्या हो सकती है और जब पित्त सही से काम नहीं करता है तो, इससे पित्त रस का उपयोग भोजन को पचाने के लिए नहीं हो पाता है जिस कारण से धीरे-धीरे पित्त रस (bile juice) जमा होने लगता है और छोटे छोटे पत्थर का रूप ले लेता है. अब आपके मन में यह भी सवाल आ रहा होगा कि पित्ताशय में पत्थर(स्टोन) क्यों होता है तो चलिए जानते हैं.
पित्ताशय में पत्थर क्यों होता है?
पित्ताशय में पत्थर होने का कारण हमारा खान-पान भी है.आज के समय में अधिकांश लोग मशालादार और चटपटा खाना खाना बहुत पसंद करते हैं , लेकिन उन्हें यह पता नहीं होता कि वसादार खाना खाने से उनके सेहत पर इसका बुरा असर पड़ सकता है.
जब भी हम वसायुक्त भोजन करते हैं तो उसे पचाने में ज्यादा समय लगता है और इस स्थिति में जब पित्ताशय सही से काम नहीं करता है तो लीवर से बनने वाला पित्त रस भोजन को सही से नहीं पचा पाता है.
इस स्थिति में पित्त रस पित्ताशय में ही धीरे धीरे गाढ़ा होने लगता है और पत्थर का रूप ले लेता है इस प्रकार हम कहते हैं कि पित्ताशय में पत्थर हो गया है अगर पिता से में पत्थर होने का संकेत या लक्षण हमें पहले ही पता चल जाए तो सही समय पर इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है और पत्थर को गलाया जा सकता है.तो चलिए जानते हैं कि पित्त में पथरी होने का कौन-कौन से लक्षण हो सकते हैं.
पित्त की थैली में स्टोन के लक्षण-
आमतौर पर कई बार ऐसा होता है कि जब हमारे शरीर में पत्थर छोटी-छोटी होते हैं तो इनके कोई भी लक्षण हमें दिखाई नहीं देते हैं, क्योंकि स्टोन धीरे धीरे बढ़ते रहता है और जब यह हल्का बड़ा हो जाता है और हमें दर्द होता है तो हम इनकी जांच कराते हैं तो पता लगता है कि पित्त की थैली में स्टोन हो गया है लेकिन इनके कुछ शुरुआती लक्षण हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं-
- भूख कम लगना
- बदहजमी (अपच)
- खट्टा डकार होना
- जी मचलना
- गैस का प्रॉब्लम होना
- बहुत ज्यादा पसीना आना
- पेट का भारीपन लगना
- आँखों का या स्किन का पीला होना
अगर इस प्रकार के लक्षण आपको दिखाई दे रहे हैं तो हो सकता है कि यह पत्थर होने का शुरुआती लक्षण हो इसलिए आप अपने डॉक्टर से इसकी जांच जरूर कराएं और यदि आपके परिवार में पहले से किसी को पित्त की समस्या रही हो या पित्ताशय में पत्थर हुआ हो तो भी आपको से डॉक्टर से सलाह जरूर लेना चाहिए ताकि अगर पत्थर हो तो उसे शुरुआती दिनों में ही खत्म कर दिया जाए.
पित्त की थैली में स्टोन का पता लगाने के लिए टेस्ट –
पित्त की थैली में स्टोन होने से डॉक्टर इसके इलाज के लिए आपको कई तरह के टेस्ट लिख सकते हैं.इस टेस्ट के द्वारा यह कंफर्म किया जाता है की आपके पित्ताशय में स्टोन की साइज कितनी बड़ी है. जिसके अनुसार डॉक्टर आपको आगे की सलाह देते हैं चलिए देखते हैं वह कौन-कौन से टेस्ट हैं-
- Ultrasound
- CT scan
- MRCP
- HDA Scana
- Upper Glandoscopy
इसके अलावा डॉक्टर कई तरह के ब्लड टेस्ट भी लिख सकते हैं जैसे कि-
- CBC test
- LFT test (Liver function test)
- KFT test (Kidney function test)
- Amalyse And Lypase
इन सभी जाँचों के द्वारा डॉक्टर पता करते हैं कि क्या वाकई आपके पेट में जो दर्द हो रहा है वह दर्द गॉल ब्लैडर में स्टोन होने से हो रहा है या फिर गोल ब्लैडर में स्टोन हुआ है तो उसकी साइज कितनी बड़ी है.
यदि गोल ब्लैडर में स्टोन की साइज बड़ी होती है तो इस स्थिति में डॉक्टर गॉलब्लैडर की सर्जरी कराने की सलाह देते हैं ,क्योंकि सर्जरी कराने पर ही इसका संपूर्ण इलाज संभव होता है.
पित्त की थैली में स्टोन का इलाज-
पित्त की थैली में स्टोन होने पर ऑपरेशन किया जाता है.जिसमें पित्त की थैली को काटकर बाहर निकालना पड़ता है, क्योंकि इसमें स्टोन तभी बनता है जब पित्त सही से काम नहीं करता है और धीरे-धीरे पित्त रस इकट्ठा होकर छोटे-छोटे पत्थर के रूप में बदल जाता है. इसलिए डॉक्टर पित्त को काटकर बाहर निकाल देते हैं.
हां, यदि समय रहते पथरी का पता चल जाता है (जब पथरी छोटी-छोटी होती है) तो वह उस समय पित्त की पथरी को दवाई द्वारा गलाया जा सकता है.
इसके लिए होम्योपैथ की दवा सबसे अच्छी मानी जाती है, जिसमें थोड़ा ज्यादा समय लगता है परन्तु स्टोन गल जाता है . इसलिए ध्यान दें और यदि इस तरह की प्रॉब्लम होती है तो इसका इलाज जरूर कराएं.
पित्त की पथरी में क्या खाए-
पित्त की पथरी में रेशेदार खाद्य पदार्थ, हरी सब्जियां और फल खाना चाहिए.जैसे कि –
- हरी सब्जियां
- चुकन्दर
- टमाटर
- सोयाबीन
- शलजम
- अदरक
- अनार
- नाशपाती
और खट्टे फल जैसे निम्बू, संतरा पित्त के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है. इन सभी में वसा की मात्रा ना के बराबर होती है जिस कारण से यह आसानी पचता है साथ ही पोषक तत्वों की पूर्ती भी करता है. वसायुक्त खाद्य पदार्थ से जितना हो सके परहेज करें.
पित्त की पथरी में क्या नहीं खाना चाहिए –
पित्त की पथरी में ज्यादा तैलीय पदार्थ, वसा युक्त पदार्थ, मसालेदार पदार्थों से परहेज करना चाहिए. साथ ही मांश और मीठे चीजों को खाने से बचना चाहिए ,और भी कई प्रकार के चीजों का सेवन नही करना चाहिए जैसे –
- मक्खन
- घी, पनीर
- केक
- लाल मीट (मांश)
- चटपटा खाना
खाने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि ज्यादा वसा और कॉलेर्स्टॉल बाले पदार्थों को खाने से ही इस तरह की समस्या होती है .
आपने जाना –
आज आपने जाना “पित्त में पथरी क्यों होती है”, पित्त की थैली में स्टोन होने के क्या कारण होता है और साथ ही आपने जाना कि ” Gall bladder stone symptoms in Hindi” अर्थात पित्ताशय में पथरी होने के शुरूआती लक्षण कौन कौन से हैं. यदि आपको इस पोस्ट के माध्यम से थोड़ी सी भी जानकारी मिली हो तो इसे और भी ज्यादा लोगो तक शेयर जरूर करें ताकि उसे भी पित्त की पथरी के बारे में पता चलें और इसी तरह की जानकारी के लिए मेरे ब्लॉग पोस्ट को जरूर पढ़े.. धन्यवाद.