APTT test क्या होता है | APTT test in Hindi.
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका आज के इस पोस्ट “APTT test in Hindi ” में. दोस्तों आज के इस पोस्ट के माध्यम से आप जानेंगे कि APTT test क्या होता है और APTT test क्यों किया जाता है. साथ ही आप जानेंगे कि APTT test का नार्मल रेंज कितना होना चाहिए और यह कब कराया जाता है. इसलिए आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेगें और समझेंगें.
APTT test in Hindi |
जब भी आपको किसी जगह कट जाए या चोट लगने से खून बहने लगता है तो आप अपने अंगुलीयों से दबाकर या पट्टी बांधकर खून का बहना बंद कर देते हैं और खून बहना बंद भी हो जाता है परंतु क्या आप जानते हैं कि जितना आसान यह लगता है उतना ही कठिन प्रक्रिया होने के बाद, खून का बहना बंद होता है.इसे जमाने या बंद करने में clotting factor का ही काम होता है.इन्ही clotting factor के टेस्ट में से आज आप एक टेस्ट APTT tes के बारे में जानेंगे, जिसके बारे में हम आगे जानने वाले हैं.
APTT test क्या है ?(What is APTT test in Hindi).
APTT test एक ब्लड जांच है.जिसका फुल फॉर्म यानि पूरा नाम Activated Partial Prothrombin time test होता है.यह एक screening test होता है जो Intrensic clotting factor का पता लगाने के लिए किया जाता है. जो PT (Prothrombin) test के साथ किया जाता है. Prothrombin एक एेसा पदार्थ है,जो लीवर द्वारा स्रावित होता है. यह 13 प्रकार के clotting factor में से एक है जो ब्लड को थक्का बनाता है.
APTT test क्यों किया जाता है?
APTT test मुख्य रूप से Bleeding disorder और हिमोफिलीया जैसी बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है.इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को Heparin की थैरेपी दी जाती है तो भी इस टेस्ट को कराने की सलाह दी जाती है.कई बार डॉक्टर यह टेस्ट दवाइयों का असर जानने के लिए भी कराने की सलाह देते हैं.यदि किसी व्यक्ति की सर्जरी हो रही हो तो सर्जरी से पहले भी यह टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है.
APTT test कब किया जाता है?
APTT test कराने की सलाह डॉक्टर द्वारा निम्नलिखित स्थितियों में दी जाती है. जैसे कि –
- यदि किसी व्यक्ति काे चोट लगने या कट जाने पर ब्लड आसानी से बंद नही होता है तो डॉक्टर APTT test test कराने की सलाह देते हैं.
- सर्जरी में – किसी भी तरह की सर्जरी से पहले यह टेस्ट किया जाता है और देखा जाता है कि मरीज का खून सही से थक्का बन रहा है या नहीं.इसका मकसद यह होता है कि कही आपका खून ज्यादा पतला तो नहीं हो गया है, अगर ऐसा होता है तो इससे बहुत ज्यादा बिल्डिंग होने का खतरा रहता है.
- लीवर की बीमारी की जांच करने के लिए.
- दवाओं की प्रतिक्रिया और अन्य बीमारियों का पता लगाने तथा ईलाज करने के लिए भी यह जांच किया जाता है.
- लीवर की बीमारी और Vitamin K की वजह से भी ब्लीडिंग डिसऑडर हो सकता है.यदि आपको इनमे से कोई भी समस्या है तो डॉक्टर आपके कंडीशन को मॉनिटर करने के लिए भी APTT test करा सकते हैं.ताकि यह पता चल सके कि ब्लड सही से clot हो रहा है की नहीं.
- हिमोफिलीया जैसी बीमारियों के लक्षण दिखाई देने पर भी यह टेस्ट कराने की सलाह दी जा सकती है.
APTT test कराने से पहले –
APTT test कराने के लिए किसी अन्य तैयारीयों की जरूरत नहीं होती है और ना ही इसके लिए उपवास की जरूरत होती है. यह टेस्ट आप कभी भी करा सकते हैं.परन्तु कुछ बातों का ध्यान रखें कि यदि आप ब्लड को पतला करने वाली दवाइयों या अन्य किसी दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो उसकी जानकारी डॉक्टर को जरूर दें.
APTT test कैसे किया जाता है?
APTT test करने के लिए आपसे ब्लड सैम्पल लिया जाता है और फिर इसका टेस्ट किया जाता है. आज के समय में यह टेस्ट fully automated analyzer के द्वारा किया जाता है. जिससे टेस्ट करना बहुत ही आसान होता है. परन्तु अब भी कई लैबों में यह टेस्ट manually किया जाता है.
APTT test का परिणाम –
APTT test का परिणाम कई कंडीशनों पर निर्भर करता है. जैसे कि यदि आप खून को पतला करने वाली दवा नहीं खा रहें हैं तो –
APTT test – 27-35 seconds होता है और
यदि आप खून को पतला करने वाली दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो यह –
PT test – 120-140 seconds
APTT test – 60-80 seconds
समान्य परिणाम –
APTT test का समान्य परिणाम 27-35 seconds होता है और इसका मतलब होता है कि आपको Bleeding और इससे सम्बन्धित अन्य समस्या नहीं है और आपका APTT test नॉर्मल रेंज में है.
असमान्य परिणाम –
यदि आपके APTT test का परिणाम नॉर्मल रेंज 35 या 40 seconds से अधिक आ होता है तो इसका मतलब है कि आपको लीवर ,हिमोफिलीया या Bleeding से जुड़ी समस्या है. जो कई कारणों से बढ़ सकता है.
APTT test क्यों बढ़ता है? इसके बढ़ने का कारण –
APTT test का लेवल बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें शामिल है –
- Hemophilia के कारण
- लीवर की बीमारियों में
- DIC में
- हैपेरीन थैरेपी के कारण
- प्रीकेलिक्रियन कॉग्नेटल डेफिसियंसी
- हिमोफिलीया ए और
- हीमोफीलिया बी में
इसके अलावा भी और कई कारण हो सकते हैं जिसके यह बढ़ सकता है. इसीलिए टेस्ट के परिणाम को अच्छे से समझने के लिए डॉक्टर से पूछे और सलाह जरूर लें.
APTT test की कीमत कितनी होती है?
अन्य टेस्ट के तरह ही APTT test test की कीमत भी अलग-अलग लैबों में अलग-अलग होती है. जो सामान्यतः 150-250 रूपए तक हो सकती है. यह आपके द्वारा चुने गए लैबों पर निर्भर करता है कि वह कितना रूपए लेता है.
Conclusion (APTT test in Hindi).
आज के इस पोस्ट “APTT test in Hindi ” के माध्यम से आपने जाना कि APTT test क्या होता है और यह क्यों किया जाता है. साथ ही आपने जाना कि APTT test का नार्मल रेंज कितना होता है और इसके बढ़ने के कौन-कौन से कारण हो सकते हैं.
आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और आपको APTT test के बारे में पूरी जानकारी मिली होगी. यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें. धन्यवाद.