Beta HCG test क्या होता है | HCG test in Hindi
आज के इस पोस्ट “HCG test in Hindi ” के माध्यम से आप जानेंगे कि HCG test क्या होता है और यह क्यों किया जाता है.साथ ही आप जानेंगे कि HCG test कब कराना चाहिए और इसके परिणामों को कैसे समझें.इसके अलावा HCG test से जुड़ी और भी जानकारीयों को जानेंगे तो चलिए जानतें हैं HCG test के बारे में –
HCG test in Hindi. |
HCG test क्या होता है? (What is HCG test in Hindi)
HCG test एक प्रकार का परीक्षण है जो मूत्र और ब्लड दोनों से किया जाता है.इस टेस्ट के द्वारा HCG hormone की मात्रा का पता लगाया जाता है जो कि महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान बनता है.यह टेस्ट मूत्र और ब्लड दोनों से किया जाता है परंतु यदि यह टेस्ट ब्लड के द्वारा किया जाता है तो इससे अच्छा रिजल्ट प्राप्त होता है.
HCG test को अन्य कई नामों से भी जाना जाता है जैसे कि Beta HCG test, Quantative HCG test और Quantative test for hcg के नामों से भी जाना जाता है.
HCG test क्यों किया जाता है?
HCG test का खासकर HCG hormone की मात्रा का पता लगाने के लिए किया जाता है जो कि गर्भावस्था के दौरान भ्रूण का विकास करता है इसलिए यह जांच गर्भावस्था का पता लगाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा और भी कई कारणों से HCG test किया जाता है. जैसे कि –
- HCG hormone की मात्रा का पता लगाने के लिए
- गर्भावस्था का पता लगाने के लिए
- भ्रूण की उम्र का पता लगाने के लिए
- डाउन सिंड्रोम का पता लगाने के लिए
- गर्भपात के निदान के लिए
Beta HCG test ही एक ऐसा टेस्ट है जिससे द्वारा सबसे पहले गर्भावस्था से जुड़ी समस्याओं और गर्भावस्था के दौरान चल रहे इलाज के बारे में पता लगाया जाता है.
HCG test कब कराया जाता है?
HCG test कराने की सलाह डॉक्टर द्वारा तब दी जाती है जब डॉक्टर को यह लगता है कि आप गर्भवती हो या उससे जुड़े लक्षण दिखाई देते हैं.जैसे कि –
- जी मिचलाना और चक्कर आना
- हल्का रक्तस्त्राव
- थकान महसूस होना
- मॉर्निंग सिकनेस
- ब्रैस्ट और निप्पल्स में दर्द होना और निप्पल्स के रंग में परिवर्तन
- मूड बदलना
- सिर दर्द और सिर भारी होना
- बार बार टायलेट जाना
- खाने की इच्छा में बदलाव
- पाचन सम्बन्धी समस्याएं – कब्ज की शिकायत
इस तरह की स्थिति जो अक्सर गर्भावस्था के दौरान होती है.इसके अलावा भी कई कारणों से डॉक्टर द्वारा यह टेस्ट कराने की सलाह दी जा सकती है.
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HCG test कराने से पहले क्या करें?
HCG test कराने से पहले किसी खास तरह के तैयारीयों की जरूरत नहीं होती है.इसे आप खाना खाकर भी करा सकते हैं परंतु इस बात का ध्यान रखें कि जब आप डॉक्टर के पास जाए तो अपनी तकलीफें या स्वास्थ्य समस्याओं को जरूर बताएं और यदि किसी प्रकार की दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो उसकी जानकारी डॉक्टर को जरूर दें.
HCG test कैसे किया जाता है?
ब्लड के द्वारा HCG test करने के लिए आपके बाजू से ब्लड सैम्पल लिया जाता है और फिर लैब में जाँच करने के लिए भेज दिया जाता है जहाँ पर जांच की जाती है. इसके अलावा यदि आप pregnancy test kit के द्वारा करतें हैं जो मूत्र से किया जाता है तो उसमें भी इसी HCG hormone को डिटेक्ट किया जाता है और फिर आपका pregnancy test पॉजिटिव या निगेटिव आता है.
Pregnancy का पता लगाने के लिए सबसे पहले Beta hcg test ही कराना चाहिए जो कि urine test से पहले और अच्छा रिजल्ट देता है.जब कि मूत्र द्वारा यह जांच करने पर कभी फॉल्स पॉजिटिव या निगेटिव भी आ सकता है.जिसके कई कारण हो सकते हैं.
HCG test का परिणाम और नार्मल रेंज कितना होता है?
HCG test का परिणाम मिली इंटरनेशनल यूनिट प्रति मिली लीटर में दिया जाता है. यदि HCG test का लेवल इस प्रकार से हो –
hCG का स्तर यदि 5 mIU/mL से कम है तो प्रेग्नेंसी रिपोर्ट निगेटिव है और यदि यह 25 mIU/mL से अधिक है तो प्रेग्नेंसी पॉज़िटिव है.
hCG स्तर 6 से 24 mIU/mL के बीच है तो स्थिति संदेह जनक है और प्रेग्नेंसी की पुष्टि के लिए फिर से टेस्ट कराने की ज़रूरत है.
एचसीजी का निम्न स्तर किसी भी कारण से हो सकता है और स्तर में बदलाव के मूल्यांकन के लिए 48-72 घंटे के भीतर फिर से टेस्ट करना चाहिए.
गर्भवती महिला के खून में एचसीजी हार्मोन का लेवल सप्ताह के अनुसार निम्न प्रकार से होता है –
- सामान्य महिलाओं में – 10 mIU/mL से कम
- बॉर्डरलाइन प्रेगनेंसी में रिजल्ट – 10 से 25 mIU /mL
- पॉजीटिव प्रेग्नेंसी टेस्ट – 25 mIU/mL से ज्यादा
- गर्भवती महिला, आखिरी मासिक धर्म के लगभग 4 हफ्ते बाद या एलएमपी (पहला पीरियड मिस होने के लगभग एक हफ्ते पहले) – 0 से 750 mIU/mL
- गर्भवती महिला, पहला पीरियड मिस होने के एक हफ्ते के बाद से पांच हफ्ते के बाद – 200 से 7,000 mIU/mL
- गर्भवती महिला, एलएमपी के लगभग 6 हफ्ते बाद – 200 से 32,00 mIU/mL
- गर्भवती महिला, एलएमपी के लगभग 7 हफ्ते बाद – 3,000 से 160,000 mIU/mL
- प्रेगनेंट महिला, एलएमपी के बाद लगभग 8 से 12 हफ्तों में – 32,000 से 210,000 mIU/mL
- प्रेगनेंट महिला, एलएमपी के बाद लगभग 13 से 16 हफ्तों में – 9,000 से 210,000 mIU/mL
- प्रेगनेंट महिला,एलएमपी के बाद लगभग 16 से 29 हफ्तों में – 1,400 से 53,000 mIU/mL
- प्रेगनेंट महिला, एलएमपी के बाद लगभग 29 से 41 हफ्तों में – 940 से 60,000 mIU/mL होता है.
इसके अलावा भी ऐसे कई कारण होतें हैं जिससे HCG test की मात्रा ज्यादा या कम होती है.तो चलिए जानतें हैं कि HCG test का लेवल ज्यादा या कम होने के क्या कारण होतें हैं.
Beta HCG test बढ़ने के कारण –
Beta HCG test या HCG test का नार्मल रेंज से अधिक होने या बढ़ने के निम्न कारण हो सकते हैं –
- गलत pregnancy date का अनुमान लगाना
- Ovarian cancer के कारण
- Breast cancer के कारण
- मोलर प्रेगनेंसी के कारण या
- एक से अधिक प्रेगनेंसी के कारण
- Pregnancy के दौरान चल रहे ईलाज में HCG injection के कारण
इसके अलावा यदि आपको किसी प्रकार की समस्या या कोई सवाल हो तो उसके बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
HCG test कम होने के कारण –
Beta HCG test या HCG test का कम होने या घटने के निम्न कारण हो सकते हैं –
- गलत pregnancy date का अनुमान लगाना
- गर्भपात के कारण
- या डिम्ब के क्षतिग्रस्त होने के कारण
- अपस्थानिक गर्भावस्था के कारण
HCG test कीमत कितनी होती है ?
HCG test या beta HCG test की कीमत अलग-अलग लैबों और शहरों में अलग-अलग होता है जो सामान्यतः 450-1,000 रूपए तक हो सकता है. जब भी आप किसी प्रकार की जांच कराए तो किसी अच्छे और मान्यता प्राप्त लैब में ही जांच कराए ताकि आपको सही रिजल्ट प्राप्त हो.
Conclusion (HCG test in Hindi) –
आज के इस पोस्ट “HCG test in Hindi ” के माध्यम से आज आपने जाना कि HCG test क्या होता है और इसके घटने या बढ़ने से क्या होता है.साथ ही आपने जाना कि hcg test क्यों और कैसे किया जाता है.इसके अलावा आपने Beta HCG test से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारीयों के बारे में जाना.
आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें. धन्यवाद.