ECG क्या होता है | ECG test in Hindi.
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका आज के इस पोस्ट “ECG test in Hindi ” में. दोस्तों आज आप जानेंगे कि ECG क्या होता है और ECG क्यों किया जाता है. साथ ही आपको ECG से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारी मिलने वाली है.अतः आशा है कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेगें और समझेंगें.
ECG test in Hindi. |
ECG क्या होता है? (What is ECG test in Hindi).
ECG का फुल फॉर्म यानि पूरा नाम Electro Cardio Gram होता है, जिसे EKG भी कहा जाता है.यह हमारे हार्ट की electrical activiy को बताता है.हमारे हार्ट की हर एक धड़कन (heart beat) electrical activities के कारण होती है. अगर सरल शब्दों में कहे तो हमारा हार्ट electrical activity के कारण ही धड़कता है.
इन्हीं इलेक्ट्रीकील एक्टिवीटी के कारण हमारे हर्ट की मशल्स या मांशपेशिया सिकुड़ जाती है और हार्ट से ब्लड सरकुलेट (circulate ) होता है या पम्प करता है और ब्लड को पूरे शरीर में पहुँचाता है जो कि electrical activity के कारण ही होता है.
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ECG test क्यों किया जाता है?
ECG test मुख्यतः हार्ट यानि दिल की बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है. हमारा हर्ट सामन्यतः एक मिनट में लगभग 60-120 बार धरकता है. जिसे हम समान्य heart beats कहते हैं. परन्तु कई बार गंभीर बीमारियों के कारण ऐसा नहीं होता है और यह कभी ज्यादा तो कभी कम धड़कने लगता है.
जिससे हार्ट अटैक आने का खतरा रहता है. इन्ही सब स्थितियों की जांच करने के लिए ECG test किया जाता है. जिससे हमें हार्ट के बारे में पूरी जानकारी मिलती है कि हमारे हार्ट की स्थिति कैसी है.
ECG test कब कराया जाता है?
डॉक्टर द्वारा ECG test कराने की सलाह तब दी जाती है जब डॉक्टर को यह लगता है कि मरीज को हार्ट से जुड़ी समस्या है या उसके लक्षण दिखाई देते हैं तो यह टेस्ट लिखा जाता है. ये लक्षण हैं –
- साँस लेने में कठिनाई होना
- दम फूलना
- सीने में दर्द
- हृदय की धड़कन का तेज होना
- कमजोरी महसूस होना
- हार्ट अटैक
- हृदय से असमान्य ध्वनि सुनाई देना
इस प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर ECG test कराने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा और भी कारण हो सकते हैं जिनमें डॉक्टर आपको यह टेस्ट कराने की सलाह देते हैं.
ECG test कराने से क्या पता चलता है?
ECG test कराने से निम्नलिखित स्थितियों का पता लगाया जाता है. जैसे कि –
- हार्ट सही से काम कर रहा है या नहीं.
- हार्ट बीट नॉर्मल है या नहीं
- हार्ट की साईज
- हार्ट का कौन सा हिस्सा कितना डैमेज हुआ है
- हार्ट अटैक के कारणों का भी पता लगाया जाता है.
- पूर्व के हार्ट अटैक के बारे में
इनके अलावा और भी कई बातों का पता लगाया जाता है जैसे कि हार्ट की दीवारों और सीने में जो दर्द होता है तो क्या वह दर्द किसी हार्ट की समस्या की वजह से है या समान्य दर्द है.
ECG test कराने से पहले क्या करें?
ECG test कराने से पहले निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना बहुत ही जरूरी है. जब भी आप ECG test कराने जाए तो इन बातों का ध्यान अवश्य रखें. जैसे कि –
- ECG test कराने से तुरंत पहले पानी नहीं पीना चाहिए.
- शरीर में किसी बॉडी लोशन को नहीं लगाना चाहिए या किसी चिपचिपा पदार्थ को नहीं लगाना चाहिए.
- ECG test कराने से पहले व्यायाम नहीं करने की सलाह दी जाती है.
- ज्यादे चुस्त कपड़े ना पहने और जो भी मेटल की चीजें पहने हो उसे टेस्ट से पहले उतार दें.
- साथ ही यदि किसी दवाई का सेवन कर रहे हैं तो उसकी जानकारी डॉक्टर को जरूर दें.
ECG test कैसे किया जाता है?
ECG test करने के लिए ECG machine होता है जिससे ECG test किया जाता है.
इसके लिए सबसे पहले मरीज को शरीर के कपड़े उतारने के लिए कहा जाता है.
उसके बाद उसे समतल सतह पर या बेड पर लेटने को कहा जाता है.
जिसके बाद उसके सीने पर, बाजू में और पैरों पर छोटे-छोटे यंत्र लगाए जाते हैं. इस छोटे से यंत्र को इलेक्ट्रोड्स कहते हैं.
ये इलेक्ट्रोड्स तारों के द्वारा ईसीजी मशीन से जुड़े होते हैं. जो आपके हार्ट की गतिविधि को यानि electrical activiy को एक ग्राफ के द्वारा दिखाता है और इस प्रकार से ECG test पूरा होता है.
ECG test का परिणाम –
ECG test कराने के बाद डॉक्टर आपके टेस्ट रिपोर्ट को देखते हैं और उसमें देखते हैं कि ECG report समान्य है या असमान्य. जिसके आधार पर वह आगे की प्रक्रिया करतें हैं.
समान्य परिणाम –
जब ECG टेस्ट ग्राफ में देखा जाता है कि आपके हार्ट की इलेक्ट्रकील एक्टिवीटी की ग्राफ ठीक है या उसमें कोई गरबरी नहीं है तो रिपोर्ट को नॉर्मल माना जाता है. ECG test का समान्य परिणाम का मतलब है कि व्यक्ति को किसी प्रकार की हार्ट की समस्या नहीं है और वह ठीक है.
असमान्य परिणाम –
ECG test कराने पर ECG report में बने heart की electrical activity ग्राफ को देखा जाता है. जो सामान्य नहीं होता है तो उसे असमान्य रिपोर्ट माना जाता है. इसका मतलब होता है कि व्यक्ति को हार्ट की समस्या है.ECG के रिपोर्ट के अनुसार आगे की दवाइयाँ दी जाती है.
कई बार ECG का परिणाम किसी अन्य वजहों से भी असमान्य आ सकता है. यह ज्यादा खेल-कूद करने वालों या एथलेटिक्स खिलाड़ियों या ज्यादा व्यायाम करने से भी हो सकता है.
ECG test की कीमत कितनी होती है?
ECG test की कीमत अलग-अलग लैबों में अलग-अलग होता है जो सामान्यत: 250-600 रूपए तक हो सकता है.यह आपके द्वारा चुने गए लैबों पर निर्भर करता है. यह एक समान्य टेस्ट है जिसे आप कभी भी करा सकते हैं.
आपने जाना –
दोस्तों आपने आज के इस पोस्ट “ECG test in Hindi ” के माध्यम से जाना कि ECG test क्या होता है और यह क्यों किया जाता है. साथ ही आपने और भी कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की. आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें. धन्यवाद.