HSG test क्या होता है | Hysterosalpingography (HSG) test in Hindi.
आज के इस पोस्ट ” HSG test in Hindi ” के माध्यम से आप जानेंगे कि HSG test क्या होता है और यह क्यों किया जाता है.साथ ही आप जानेंगे कि HSG test कैसे किया जाता है,HSG test कब कराया जाता है और HSG test से क्या करें.इसके अलावा HSG test से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारीयों को जानेंगे.तो चलिए जानतें हैं HSG test के बारे में –
HSG test in Hindi. |
जब भी किसी दांपती को कई बर्षों से संतान की प्राप्ति नहीं होती है.जब कि उनका sperm count, अंडाशय की स्वस्थ मात्रा के साथ अन्य सभी चीजें भी नॉर्मल होती है तो डॉक्टर द्वारा HSG test कराने की सलाह दी जाती है.इस टेस्ट के द्वारा महिलाओं के गर्भधारण करने में होने वाली रूकावटों की वजह का पता लगाने के लिए किया जाता है.चलिए जानतें हैं HSG test के बारे में विस्तार से.
HSG Test क्या होता है? ( What is HSG test in Hindi)
HSG का पूरा नाम Hysterosalpingography test कहा जाता है.यह एक प्रकार का फ्लोरोस्कॉपिक टेस्ट है.जो तीन शब्द Histero (गर्भाश्य) – salphingo(गर्भनाल) -graphy से बना है. यह एक प्रकार का अल्ट्रासाउंड या एक्स-रे की जांच होती है .
इस टेस्ट के द्वारा महिलाओं के गर्भनाल में रूकावट की समस्याओं का पता लगाने के लिए भी यह जांच किया जाता है.गर्भनाल के ब्लॉकेज का पता लगाने के लिए दो जांच किया जाता है जिसमें से एक HSG test है और दूसरा leproscopy जो कि सर्जरी होता है.
HSG test क्यों किया जाता है?
डॉक्टर द्वारा HSG test कराने की सलाह निम्नलिखित स्थितियों में दिया जा सकता है.जैसे कि –
- गर्भनलिका की जांच करने के लिए
- बांझपन का पता लगाने के लिए
- जब हर दूसरे या तीसरे तीमाही में पीरियड होता है तो इस टेस्ट के द्वारा गर्भाश्य की आकार का पता लगाने के लिए भी यह जांच किया जाता है.
- फैलोपियन ट्यूब में किसी रूकावट या ब्लॉकैज का पता लगाने के लिए
- Asherman syndrome में जब गर्भाश्य की दीवरें एक-दूसरे से चिपक जाती है तो भी कंसीव करने में कठिनाई होती है इसलिए इसका पता लगाने के लिए भी यह जांच किया जाता है.
इसके अलावा भी कभी-कभी यूटेरस में फैबरॉयड की गांठ होती है जिसका पता लगाने के लिए भी यह जांच किया जाता है.
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HSG test कराने से पहले क्या करें?
HSG test कराने से पहले आपको भूखे रहने या उपवास की जरूरत नहीं होती है इसे आप खाना खाकर भी करा सकते हैं. परन्तु इस टेस्ट से पहले आपको एंटीबायोटिक्स और पैनकीलर दवाइयाँ दी जाती है और फिर दूसरे दिन आपको हॉस्पीटल आने को कहा जाता है.
साथ ही आपसे कंसेंट साइन करने के लिए भी कहा जाता है क्योंकि इस टेस्ट में आपको कॉनसेंट डाई इंजेक्ट किया जाता है और इस सब की जानकारी के लिए डॉक्टर आपको केंसेंट साइन करने के लिए कहते हैं. इस टेस्ट में कुछ तकलीफें भी हो सकती है इसलिए किसी एक व्यक्ति को अपने साथ लेकर जरूर जाए.
HSG test कैसे किया जाता है?
HSG test एक रैडियोलॉजिस्ट के द्वारा किया जाता है.इस टेस्ट के लिए आपको एक्स-रे रूम में लेकर जाया जाता है और फिर आपको एक स्टेचर पर पॉव फैलाकर लैटने के लिए कहा जाता है और फिर एक कैनुला गर्भाश्य की मुंह में डाला जाता है और डाई को रिलीज किया जाता है.
इस समय आपको थोड़ी दर्द हो सकती है.इसलिए इस समय आपनी साँसे रोककर रखें जिससे आपको दर्द का अनुभव बहुत ही कम होती है.
इस प्रक्रिया में 99% महिलाए दर्द को सहन कर लेती है और इसके लिए उसे एनेथिसिया की जरूरत नहीं होती है.इसके अलावा कुछ महिलाओं में इस दर्द को सहना की क्षमता नहीं होती है और वह एनेथिसिया के लिए डॉक्टर को बताते हैं.
जिससे कि महिला को दर्द ना हो.परन्तु एनेथिसिया लेने के लिए आपको एक दिन पहले हॉस्पीटल में भर्ती होना परता है और भूखे भी रहना पड़ता है. जिसके बारे में डॉक्टर आपको पहले ही बता देते हैं.
HSG test कब नहीं कराना चाहिए?
HSG test निम्न स्थितियों में नहीं कराना चाहिए. जैसे कि –
- यदि आपको गर्भवती होने में संदेह हो.या
- आप गर्भवती हो तो यह टेस्ट नहीं कराना चाहिए.
- यदि Bleeding (रक्तस्राव) हो तब भी यह टेस्ट नहीं कराना चाहिए
- यदि किसी प्रकार की डाई से एलर्जी हो तो भी नहीं कराए.
- जब पेल्विक इंफेक्शन हो तो भी यह टेस्ट नहीं कराना चाहिए.
- हाल ही में गर्भाशय की सर्जरी होने पर भी यह टेस्ट नहीं कराना चाहिए.
HSG test के बाद क्या तकलीफें हो सकती है?
HSG test के बाद आपको थोड़ी सी तकलीफें तो होती है क्योंकि जब डाई दी जाती है तो यह शरीर के अंदर जाती है तो आपको कुछ थोड़ी दर्द रहती है और इस टेस्ट से पहले आपको एक इंजेक्शन भी दी जाती है.
जिससे आपको- दर्द रहना,मुँह सूखना, नोजिया रहता है थोड़ी सी हलकानी रहती है. जो कुछ समय के लिए ही होती है इसलिए आपको ज्यादे मात्रा में पानी पीना चाहिए. जिससे यह ठीक हो जाती है.
HSG test कराना क्यों जरूरी होता है?
HSG test उन सभी महिलाओं को कराना बहुत ही ज्यादे जरूरी है जिसके सभी रिपोर्ट समान्य आ रहें हैं और अच्छे सम्बन्ध पर भी गर्भधारण नहीं हो रहा है तो उन सभी महिलाओं के लिए यह सबसे ज़रूरी है क्योंकि इस टेस्ट को कराने के बाद पहले से लगभग 25 % से ज्यादा कंसीव करने यानि की गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है.
HSG test का परिणाम –
HSG test का परिणाम एक फिल्म की तौर पर मिलती है जैसे कि एक्स-रे की की तरह या पेपर मिलती है. जिसमें कई बातों को देखा जाता है जैसे कि गर्भाश्य में कोई गांठ तो नहीं है या गर्भाशय की दीवर चिपकी तो नहीं है और सबसे बड़ी बात कि गर्भनलिका खुली है या बंद है. साथ ही इससे यह भी पता चलता है कि गर्भनलिका में किसी प्रकार की सूजन है या ठीक है.
इसके अलावा और भी कई महत्वपूर्ण चीजें देखी जाती है.यह जांच गर्भाशय और गर्भनलिका से जुड़ी सभी तरह की जानकारी देती है जिससे डॉक्टर को गर्भधारण में होने वाले समस्याओं के बारे में अच्छे से पता चलता है.
Conclusion (HSG test in Hindi) –
आज के इस पोस्ट “HSG test in Hindi ” के माध्यम से आपने जाना कि HSG test क्या होता है और यह क्यों किया जाता है.साथ ही आपने जाना कि यह टेस्ट कब कराना चाहिए और इस टेस्ट से पहले क्या करें.इसके अलावा आपने HSG test से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारीयों को जाना.
आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें. धन्यवाद.