Marasmus क्या होता है? – कारण,वचाव और इलाज |Marasmus in Hindi
आज के इस पोस्ट “Marasmus in Hindi ” के माध्यम से आप जानेंगे कि Marasmus क्या होता है और इसके कौन-कौन से लक्षण होतें हैं.यह कब होता है और मरास्मस से जुड़े सभी सवालों का जवाब आपको आज के इस पोस्ट के माध्यम से मिलेगा.इसलिए आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेगें और समझेंगें.
मरास्मस कुपोषण का ही एक रूप है.यह तब होता है जब किसी व्यक्ति को जरूरत के हिसाब से पोषक तत्वों की मात्रा नहीं मिलता है.जिस कारण से बच्चों में सही तरह से शारिरीक विकास नहीं होता है. और इस तरह जब लम्बे समय तक सही खान पान और पोषकतत्वों की पूर्ती नहीं होती है तो वह धीरे-धीरे कुपोषण का शिकार हो जाता है.
जब किसी व्यक्ति को सही पोषक तत्व नहीं मिलते हैं, तो उनके शरीर के लिए नियमित प्रक्रियाओं करना कठिन होता है जो उन्हें नई कोशिकाओं को विकसित करने या रोग से लड़ने में अक्षम बनाता है। जो लंबे समय तक रहने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को परिणाम दे सकती हैं.
दुनिया के कई हिस्सों में मरास्मस होने का एक प्रमुख कारण लोगों मे अपर्याप्त भोजन का होना है. विकसित देशों में यह खाने के विकार एनोरेक्सिया नर्वोसा ( भूख ना लगना ) के परिणामस्वरूप हो सकता है.
मरास्मस क्या है ?(What is Marasmus in Hindi )-
Marasmus कुपोषण का एक गंभीर रूप है.Marasmus को हिन्दी मे सूखा रोग कहा जाता है.जब किसी व्यक्ति को लम्बे समय से पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और कैलोरी युक्त भोजन नहीं मिलता है तो वह व्यक्ति मरास्मस से ग्रसित हो जाता है.यह रोग वयस्कों और बच्चों दोनों को मरास्मस हो सकता है, लेकिन यह अक्सर विकासशील देशों में छोटे बच्चों को प्रभावित करता है.
क्योंकि जब हमारे शरीर को उचित मात्रा में सभी पोषकतत्वों की पूर्ती नहीं होती है तो शरीर सुचारू रूप से कार्य करना बंद कर देता है.जिस कारण से शरीर का सही तरीके से विकास नहीं होता है.यूनिसेफ का अनुमान है कि 5 वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों में हर साल लगभग कुल मृत्यु की आधी मृत्यु पोषण की कमी के कारण होती है.
मरास्मस क्यों होता है और इसके क्या कारण हैं?
मरास्मस होने के निम्न कारण हो सकते हैं जो इस प्रकार है –
- पर्याप्त मात्रा में भोजन नहीं करने के कारण
- बच्चे को गंभीर डायरिया होना
- सांस से संबंधित संक्रमण होना
- काली खांसी या खसरा रोग जैसे महामारी होना
- शिशु का सही से स्तनपान न करना
- कमजोर आर्थिक स्थिति (गरीबी)
- भूख में कमी (Anorexia)
- महिलाओं और बच्चों को मरास्मस का जोखिम अधिक होता है।
- अपर्याप्त भोजन करना
- पैरासिटिक डिजीज (परजीवी के कारण होने वाले रोग)
बड़ी उम्र के लोग जो अकेले रहते हैं और उनके लिए भोजन तैयार करना और उनकी देखभाल करना मुश्किल होता है, वो मरास्मस की जोखिम में पड़ सकते हैं.
जबकि गलत पोषक तत्वों का सेवन करना और कोई बीमारी की स्थिति मरास्मस मे योगदान दे सकता है,
मेरेस्मस रोग किस की कमी से होता है ?
यह रोग उस स्थिति में होता है जब बच्चे के आहार में प्रोटीन की कमी होने के साथ ही ऊर्जा या कैलोरी की भी कमी होती है। मरास्मस, प्रोटीन-ऊर्जा संबंधी कुपोषण का एक गंभीर रूप है। जब किसी व्यक्ति को उचित पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, तो शरीर की नियमित प्रक्रियाओं का सही तरीके से संचालन नहीं हो पाता है। जिससे नई कोशिकाओं के विकास में कठिनाई या रोग से लड़ने की क्षमता में कमी और अन्य अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
Marasmus के लक्षण ( Symptoms of Marasmus in Hindi ) –
जब भी किसी व्यक्ति को मरास्मस रोग होता है तो उसमें निम्न लक्षण दिखाई देते हैं जो इस प्रकार है –
- लगातार चक्कर आना
- शक्ति की कमी
- रूखी त्वचा
- भंगुर बाल
- कम वजन
- भूख में कमी
- शक्ति की कमी
- चिड़चिड़ापन
- पीले बालों के रंग में परिवर्तन
- त्वचा की समस्याएं
मरास्मस के साथ मरीज अपने चेहरे में शरीर के ऊतकों और वसा को खो देगा। इसी तरह, उनकी हड्डियां उनकी त्वचा के नीचे दिखाई देने लगती हैं, और शरीर के द्रव्यमान के नुकसान से त्वचा की सिलवटों का विकास होता है। उनकी आँखें बाहर की तरफ धँसी हुई दिखाई दे सकती हैं।
मरास्मस की जटिलताएँ –
दस्त, खसरा या श्वसन संक्रमण गंभीर जटिलताएं हैं, जो एक बच्चे के लिए घातक हो सकती हैं।
हालांकि कभी कभी दस्त खुद भी मरास्मस का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है।
अन्य जटिलताओं में ब्रैडीकार्डिया , हाइपोटेंशन (कम रक्तचाप) और हाइपोथर्मिया (शरीर का निम्न तापमान ) शामिल हैं.
गंभीर कुपोषण के अन्य रूप (Types Of Malnutritions in Hindi)-
Marasmus एकमात्र बीमारी नहीं है जो गंभीर कुपोषण के कारण होता है।
Kwashiorkor
Kwashiorkor प्रोटीन-ऊर्जा कुपोषण का एक दूसरा और गंभीर रूप है जहां मुख्य कमी प्रोटीन की है।
कुपोषण के गंभीर मामलों में kwashiorkor हो सकता है। Marasmus के विपरीत, kwashiorkor शरीर को निचले पैरों, पैरों, हाथों और चेहरे में द्रव बनाए रखने का कारण बनता है, जिससे सूजन (oedema) दिखाई देती है।
Kwashiorkor का परिणाम एक व्यक्ति में एक विकृत या उभरा हुआ पेट हो सकता है। लेकिन, kwashiorkor के साथ किसी को विशेष रूप से कम वजन नहीं हो सकता है, क्योंकि शरीर के वसा और मांसपेशियों के ऊतकों में नुकसान के लिए द्रव बिल्डअप होता है।
Kwashiorkor के अन्य लक्षणों में शामिल हैं-
भूख में कमी
शक्ति की कमी
चिड़चिड़ापन
पीले बालों के रंग में परिवर्तन
त्वचा की समस्याएं
kwashiorkor की जटिलता –
इनमें शामिल हो सकते हैं:
- त्वचा के असामान्य रूप से हल्के या काले पैच
- त्वचा के अल्सर का विकास
- घाव का रिसाव ठीक से ना होना, घाव से रक्त का बहना
- लिवर की समस्याएं लेकिन वे मरास्मस मे दुर्लभ हैं।
- kwashiorkor के मामले मे तत्काल निदान और उपचार की आवश्यकता है, क्योंकि यह जल्दी से जीवन के लिए खतरा बन सकता है।
मरास्मिक क्वाशीकोर –
Marasmic kwashiorkor प्रोटीन-ऊर्जा कुपोषण का तीसरा रूप है जो marasmus और kwashiorkor दोनों की विशेषताओं और लक्षणों को जोड़ती है।
मार्समिक kwashiorkor के के लक्षणों मे –
बेहद दुबलापन
शरीर के अंगों मे क्षय के संकेत
अन्य भागों में अत्यधिक तरल पदार्थ का निर्माण होता है
Marasmus kwashiorkor वाले बच्चों में, वजन उनकी उम्र के लिए मानक वजन के 60 प्रतिशत से कम होगा।
तत्काल चिकित्सा उपचार आवश्यक है। जैसे-जैसे स्थिति आगे बढ़ती है, रिकवरी अधिक कठिन हो जाती है, और बचने की संभावना कम हो जाती है।
Food and Agricultural Organization USA के अनुसार यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है की दोनों बीमारी प्रोटीन ऊर्जा कुपोषण के कारण होने बावजूद किसी को Kwashiorkor और किसी को marasmus क्यों होता है।
Marasmus का इलाज (Treatment of Marasmus in Hindi )-
मार्समस के शरुआती उपचार में दूध का पाउडर पानी मे मिलाकर दिया जाता है । साथ उच्च प्रोटीन युक्त आहार जैसे के ड्राई फ्रूट दिया जाता है। इसके साथ साथ तेल और शुगर युक्त आहार भी दिया जाता है।
गंभीर लक्षणों के मामलों मे अंत: शिरा और पेट के लिए ट्यूबों के माध्यम से आहार भी दिया जाता है।
एक बार जब बच्चा ठीक होने लगता है, तो उन्हें अधिक संतुलित आहार लेना चाहिए जो उनकी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करता है।
यह मरास्मस वाले व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है कि वह आहार उपचार प्राप्त करे जो पोषक तत्वों, कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी से भरपूर हो। उनकी उम्र के लिए सामान्य से अधिक कैलोरी की आवश्यकता होगी। हालांकि, उनके शरीर को इतना वसा और शरीर के ऊतकों को खोने के बाद भोजन को सहन करना या पचाना मुश्किल हो सकता है।
यदि दस्त के कारण निर्जलीकरण हो जाता है , तो निर्जलीकरण भी प्राथमिकता होनी चाहिए। बच्चे को इंट्रा वेनस रूप से तरल पदार्थ की जरूरत नहीं है। मौखिक जलयोजन पर्याप्त हो सकता है।
मरास्मस से बचाव (Prevention Tips for Marasmus in Hindi) –
मरास्मस रोग पोषण की कमी से होता है। इसलिए जरूरी है कि मरास्मस की रोकथाम करने के लिए आहार में उचित पोषक तत्व शामिल किए जाए। साथ ही कुछ अन्य जरूरी बातों का ध्यान रखकर भी मरास्मस की रोकथाम की जा सकती है, जैसे:
- उपचार के बाद रोकथाम के चरणों का पालन करें।
- हमेशा स्वच्छ पानी और आहार खाएं।
- डिहाइड्रेशन से बचाव के लिए उचित मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें।
- प्रतिदिन के आहार में शरीर के लिए जरूरी पोषण संबंधी डाइट शामिल करें।
- माता-पिता बच्चे के लिए डॉक्टर से डाइट चार्ट से जुड़ी जानकारी लेकर उसमें बताए गए खाद्य पदार्थों को बच्चे के डाइट में शामिल कर सकते हैं।
- जन्म के बाद बच्चे को नियमित स्तनपान कराएं।
- उचित समय पर बच्चों को आवश्यक टीकाकरण कराएं।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- भोजन को अच्छे से धोकर, उबालकर और पकाकर खाएं।
- आहार में कैलोरी, प्रोटीन, विटामिन, शुगर और नमक की उचित मात्रा शामिल करें।
- सब्जियों के साथ-साथ फलों को भी डाइट का हिस्सा बनाएं।
अगर आहार के जरिए उचित कैलोरी, प्रोटीन या अन्य पोषक तत्वों की पूर्ति नहीं होती है, तो डॉक्टरी सलाह पर इनके सप्लीमेंट्स का भी सेवन कर सकते हैं।
Conclusion (Marasmus in Hindi) –
आज के इस पोस्ट ” marasmus in Hindi ” के माध्यम से आपने जाना कि मरास्मस क्या होता है और यह क्यों होता है.इसके आलावा आपने मरास्मस से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारीयों को जाना.आशा करता हूँ कि आपको मरास्मस से जुड़ी उचित जानकारी मिली होगी और यदि आपको इससे जुड़े सवाल हैं तो कमेंट करें जरूर पूछे
Thank you for sharing the information.
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