Prawns fish in hindi | झींगा मछली के फायदे और नुकसान.
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका आज के इस पोस्ट “Prawns fish in hindi ” में. आज के इस पोस्ट के माध्यम से आप जानेंगे कि Prawns fish यानि झिंगा मछली क्या होता है और इसके कौन-कौन से फायदे होतें हैं. साथ ही झिंगा मछली से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारी जानेंगे.इसलिए आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेगें और समझेंगें.
हम सभी अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई प्रकार के पौष्टिक भोजन करतें हैं ताकि हमें जरूरी पोषकतत्वों की पूर्ती हो सकें. जिसके लिए कोई साकाहारी तो कोई मांशाहारी भोजन भी करतें हैं. जब भी मांश मछली की बात आती है तो अधिकांश लोग झींगा मछली खाना पसंद करतें हैं क्योंकि झींगा मछली स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है.तो चलिए आपको झींगा के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से बताते हैं –
झींगा मछली क्या है ? (What Is Prawns fish in Hindi).
झींगा एक प्रकार की मछली का नाम है,जिसे हम मांसाहारी भोजन के रूप में उपयोग करते हैं.जो समुन्द्र और मीठे जल दोनों के जल में पाया जाता है. झींगा मछली का सेवन करने से यह मनुष्य के मानसिक व शारीरिक विकास को बढ़ाने में मदद करता हैं.झींगा मछली का शरीर तीन हिस्सों में विभाजित होता है और इसके बहुत सारे छोटे -छोटे पैर होते है.झींगा मछली के लगभग 2800 प्रजातिया पाई जाती है और इनमे विशेष गुण होता है.
झींगा मछली में क्या पाया जाता है?
झींगा मछली में ऐसे कई तरह के तत्व पाए जाते हैं,जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक होता है. झींगा में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद रहता है.इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, लौह, सोडियम, जिंक, तांबा होता है. इसके अलावा प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेड, वसा व अच्छी कैलोरी की मात्रा भी होती है जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में सहायता करता हैं.
झींगा मछली खाने के फायदे –
झींगा मछली (Shrimp In Hindi) दुनियाभर में खायी जाती है। भारत समेत विश्व के कई देशों में झींगा के व्यंजन बनाये जाते है। यह समुद्री भोजन के रूप में काफी लोकप्रिय है। आपको जानकर हैरानी होगी कि झींगा की केवल कुछ प्रजातियां ही समुद्र में पकड़ी जाती है। इन्ही की व्यवसायिक फिशिंग की जाती है।
इस समुद्री जीव में कई पोषक तत्व होते है। झींगा ओमेगा 3 का रिच सोर्स है। इसमें प्रोटीन, आयरन और वसा भी होती है। कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स भी झींगा में भरपूर होते है। विटामिन D, B भी इस जीव में मिलते है। झींगा में मर्करी का लेवल भी अन्य समुद्री फ़ूड से बहुत कम होता है।
झींगा खाने के कई फायदे है और साथ ही कुछ नुकसान भी है। यहां पर झींगा के फायदों के साथ नुकसान पर भी चर्चा है। स्वादिष्ट होने के कारण भोजन के रूप में झींगा बहुत लोकप्रिय है। कई सारे पोषक तत्वों की मौजूदगी के कारण झींगा खाना लाभकारी है।
झींगा मछली का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है। अगर आप वजन कम करने की सोच रहे है तो झींगा खाना बेहतर उपाय है। दिमाग तेज और याददाश्त दुरुस्त करने में भी झींगा लाभदायक होती है। चेहरे पर निखार लाने और झुर्रियां खत्म करने में भी झींगा फायदेमंद है। झींगा समुद्री फ़ूड होने के कारण इसके कई लाभ है परंतु कुछ नुकसान भी होते है।
झींगा के नुकसान क्या हैं ? (What are the Side-Effects of prawns fish in Hindi)
झींगा के बहुत से फायदे है, किंतु अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से कुछ नुकसानदायक परिणाम हो सकते हैं।
जिन लोगो को झींगा से एलर्जी होने पर शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है, उनको इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
अगर कोई व्यक्ति विशेष दवा का सेवन कर रहा है, तो झींगा का सेवन करने से बचना चाहिए। ऐसा, इसलिए झींगा दवा के प्रभाव को कम कर सकता है।
झींगा में पारा मौजूद होता है जो मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। अधिक मात्रा में सेवन करने से दृष्टि में समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसलिए, झींगा का अधिक मात्रा में सेवन न करे।
गठिया से पीड़ित लोगो को झींगा का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह प्यूरिन मौजूद करता है जो शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। (और पढ़े – गठिया के कारण क्या हैं)
अगर आपको झींगा का सेवन करने से स्वास्थ्य में किसी प्रकार की समस्या हो रही है, तो सामान्य चिकिस्तक (General Physician) से संपर्क करें।
हमारा उद्देश्य है आपको जानकारी प्रदान करना है। ना की किसी तरह के दवा, इलाज, घरेलु उपचार की सलाह दी जाती है। आपको चिकिस्तक अच्छी सलाह दे सकते है क्योंकि उनसे अच्छी सलाह कोई नहीं देता है।
झींगा के बारे में जानकारी (Prawns Information In Hindi)-
1. झींगा (Shrimp) दुनियाभर के महासागरों में पायी जाती है। मुख्यतः खारे पानी के समुद्र में झींगा पनपती है। इसे खारे पानी का जीव भी कह सकते है। प्रशांत महासागर से लेकर हिन्द महासागर तक सभी महासागरों में झींगा पायी जाती है।
2. झींगा की करीब 2000 प्रजातियां विश्वभर में पायी जाती है। झींगा प्रजातियों में आपस में रंग, आकृति और आकार में भिन्नता होती है।
3. भारत में झींगा मछली का सबसे अधिक उत्पादन पश्चिम बंगाल, उड़ीसा राज्य में होता है।
4. आमतौर पर झींगा को मछली कहा जाता है परंतु झींगा मछली नही है। यह झुंड में पाई जाती है। इससे झींगा मछली शिकारी जानवरो से सुरक्षित रहती है।
5. झींगा की एक रोचक प्रजाति भी है जिसे क्लीनर झींगा कहा जाता है। यह झींगा मछलियों की सफाई करती है। मछलियों पर पाए जाने वाले परजीवी और भोजन को झींगा खाती है।
6. झींगा भोजन की तलाश में समुद्र में तैरता रहता है। आपकी जानकारी के लिए बता दु की झींगा मछली आगे और पीछे दोनों दिशाओं में गति करता है। आगे और पीछे की गति में स्थितिरता देने का काम इसकी चोंच करती है।
7. झींगा का आकार करीब 15 से 20 सेंटीमीटर तक होता है। कुछ प्रजाति की झींगा का आकार इससे भी ज्यादा है जबकि कुछ झींगा प्रजाति आकार में 1 इंच से भी कम होती है। शरीर का आकार लम्बा होता है जिसका ऊपरी कवच सख्त खोल की तरह होता है।
8. झींगा सफेद, पीला, लाल, गुलाबी, भूरा इत्यादि रंगों में मिलता है। इसका रंग प्रजाति के अनुसार होता है।
9. रोचक बात यह है कि प्रत्येक झींगा नर पैदा होता है परंतु वयस्क अवस्था आने पर मादा बन जाती है। यानिकि झींगा एक द्विलिंगी जीव है।
10. झींगा का शरीर दो भागों में बंटा होता है। इसके शरीर के दो भाग सर और धड़ होते है। सर और धड़ के साथ ही पेट भी होता है। शरीर पतला और लम्बा होता है।
11. झींगा मछली के 10 पैर होते है। पैरों का आकार भी शरीर की भांति लम्बा होता है। पीछे के 6 पैर चलने में इस्तेमाल होते है जबकि आगे के चार पैर का काम भोजन को पकड़कर खाने में होता है।
12. दोस्तों, झींगा के सर पर एंटीना भी होते है। इन एंटीना की मदद से झींगा आसपास के वातावरण को महसूस करता है।
13. मछली की तरह ही झींगा के गलफड़े भी होते है जो इसके मुंह से जुड़े होते है। गलफड़ों की सहायता से ही झींगा श्वसन कार्य करता है। पानी से ऑक्सीजन लेकर श्वसन करता है।
14. आपको जानकर हैरानी होगी कि झींगा में सामान्य कंकाल ना होकर खोल की तरह का सख्त आवरण होता है। इस सख्त खोल को “Carapace” कहा जाता है।
15. झींगा के जीवन चक्र में पहली स्टेज अंडा और अंतिम स्टेज वयस्क अवस्था होती है। करीब 2 हफ्ते सेहने के बाद झींगा बच्चा प्लैंकटन के साथ जुड़ जाता है। वयस्क होने के बाद वह भोजन की तलाश में घूमता है। वयस्क अवस्था आने तक वह भोजन प्लैंकटन से प्राप्त करता है।
16. झींगा मछली मांसाहारी और शाकाहारी दोनों प्रकार का भोजन करती है। इसलिए झींगा को सर्वाहारी कहा जाता है। यह समुद्री जीव जलीय पौधों और छोटे जलीय जीवों को खाकर जीवित रहता है।
17. झींगा मछली (Shrimp In Hindi) के मुख्य शिकारी समुद्री जीव व्हेल और शार्क है। यह शिकारियों से खुद की रक्षा एक चोंच की मदद से करता है जो उसके सर पर होती है।
झींगा पालन की जानकारी Shrimp Farming In Hindi
दुनियाभर के लाखों लोग झींगा के व्यवसाय से जुड़े हुए है। उनकी आजीविका का साधन झींगा मछली का पालन ही है।
वैसे दोस्तों, झींगा का उत्पादन खारे पानी में ही होता है। परंतु आजकल कई वैज्ञानिक विधियां आ गयी है जिससे मीठे पानी में भी झींगा पालन किया जा सकता है।
झींगा पालन करके लाखों रुपये कमाए जा सकते है। भारत समेत कई देशों में झींगे की काफी मांग है। इसलिए झींगा पालन आमदनी का एक बेहतर जरिया है।
Jhinga Fish In Hindi Information
25. किसी भी भोज्य पदार्थ का असंतुलित और अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदेह होता है। ठीक इसी तरह से झींगा मछली का अत्यधिक सेवन भी नुकसान देता है। समुद्री फ़ूड में मर्करी होती है जो मानव शरीर के लिए नुकसानदेह होती है। झींगा में भी कम मात्रा में मर्करी पायी जाती है। एलर्जी की समस्या भी झींगा खाने से होती है। दोस्तों झींगा का नियंत्रित और कम मात्रा में सेवन करना ही बेहतर है।
26. झींगा (Shrimp In Hindi) का जीवनकाल करीब 2 वर्ष होता है। परन्तु कुछ झींगा प्रजाति का जीवनकाल 6 से 7 वर्ष भी होता है।
Last word –
इस पोस्ट”Prawns fish in Hindi” में झींगा मछली क्या है (Prawns Kya Hai In Hindi), झींगा खाने के फायदे और झींगा पालन की जानकारी आपको कैसी लगी। यह आर्टिकल “Jhinga Benefits And Information In Hindi” अच्छा लगा हो तो इसे शेयर भी करे.