Ada test in Hindi | ADA full form in Hindi.

Ada test in Hindi | ADA full form in Hindi. 

आज के इस पोस्ट “ADA test in Hindi ” के माध्यम से आप जानेंगे कि ADA test क्या होता है और यह क्यों किया जाता है. ADA test कब कराना चाहिए और यह कैसे किया जाता है. साथ ही आप जानेंगे कि ADA test का नार्मल रेंज कितना होता है और इसके बढ़ने या घटने से कौन-कौन सी बिमारीयों का संकेत हो सकता है? इसके अलावा और भी कई महत्वपूर्ण जानकारी जानेंगे तो चलिए जानतें हैं ADA test के बारे में –

    ADA test क्या होता है? (What is ADA test in Hindi) 

    ADA का फुल फॉर्म यानि पूरा नाम Adenosine diaminase test होता है. यह एक प्रकार का एंजाइम होता है जो लिम्फोसाईट्स में बनता है और लिम्फोसाईट्स के एक्टिवेट होने के कारण इसका लेवल बढ़ जाता है.जब किसी व्यक्ति को टीबी की समस्या होती है तो ऐसे में लिम्फोसाईट एक्टिवेट हो जातें हैं.जिस कारण से यह टेस्ट करने पर टीबी का पता लगाया जाता है.

    इस टेस्ट को करने के लिए pelural fluids की जरूरत होती है.जो कई तरह के pelural fluids जैसे कि फेफड़ो की, दिमाग की और एसाईटिक फ्यूल्ड के द्वारा किया जाता है.

    AdA test क्यों किया जाता है?

    ADA test खासकर pelural fluids के द्वारा टीबी जैसी बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है.जब भी किसी व्यक्ति को टीबी से जुड़ी समस्या होती है या उस व्यक्ति के परिवार में पहले किसी को टीबी की समस्या हो तो भी इस टेस्ट को कराने की सलाह दी जाती है.इसके आलावा भी अन्य बीमारियों में यह बढ़ सकता है. 

    ADA test कब किया जाता है?  

    ADA test कराने की डॉक्टर द्वारा तब दी जाती है जब डॉक्टर को यह लगता है कि मरीज को टीबी है या टीबी से जुड़े लक्षण दिखाई देते हैं तो यह टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है. इसके निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे कि –

    • लगातार हल्का बुखार रहना
    • वजन कम होना 
    • कमजोरी महसूस होना 
    • सिर दर्द करना या चक्कर आना 
    • कम भूख लगना 
    • सर्दी खांसी होना 
    • कभी-कभी खाँसने में खून आना 
    • सीने में दर्द 

    इस प्रकार के कुछ लक्षण टीबी के मरीजों में दिखाई दे सकते हैं. यदि आपको 6-7 दिनों से ज्यादा समय तक खाँसी रहती है तो आपको इसकी जांच जरूर करा लेनी चाहिए. 

    Ada test कराने से पहले क्या करें? 

    ADA test कराने से पहले किसी खास तरह के तैयारीयों की जरूरत नहीं होती है परन्तु यदि आप किसी दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो उसकी जानकारी डॉक्टर को जरूर दें. क्योंकि कुछ दवाईयों के कारण टेस्ट का परिणाम प्रभावित हो सकता है. इसलिए जब आप किसी डॉक्टर के पास जाए तो उसे अपने स्वास्थ्य और दवाइयों के बारे में पूरी जानकारी जरूर दें. ताकि डॉक्टर आपके बीमारी को समझ सकें और आपका ईलाज सही से कर सकें. 

    ADA test कैसे किया जाता है? 

    ADA test करने के लिए आपके लीवर फ्यूल्ड का सैम्पल लिया जाता है और फिर लैब में जाँच किया जाता है. यह टेस्ट हमारे शरीर के अन्य फ्यूल्ड से भी किया जाता है जैसे कि CSF fluid से तो इस स्थिति में आपका लंबर पंक्चर करके इस सैम्पल को निकाला जाता है और फिर लैब में जाँच किया जाता है. इस तरह के टेस्ट अधिकांशतः fully automated analyzer या semi auto analyzer के द्वारा ही किया जाता है. 

    ADA test के जोखिम – 

    ADA test करने के लिए आपके लीवर या लंबर पंक्चर करके सैम्पल लिया जाता है जिससे आपको थोड़ी सी समस्या हो सकती है जैसे कि चक्कर आना,थोड़ा दर्द, हैमोटैमा, या कमजोरी महसूस हो सकता है इसलिए आप थोड़ी देर बैठ कर आराम कर ले.उसके बाद ही कही जाए. यदि CSF fluid का सैम्पल लिया जाता है तो इससे हल्का दर्द हो सकता है. 

    ADA test का परिणाम –

    यदि ADA test का परिणाम 100 unit/Litre से अधिक होता है तो इसका मतलब है कि व्यक्ति को टीबी का इंफेक्शन है.कई बार यदि व्यक्ति में टीबी के लक्षण दिखाई दे रहें हैं और उसका ADA level , 40 units/litre से ज्यादा हो तो भी टीबी होने का संकेत देता है. 

    इस टेस्ट का लेवल कई अन्य बीमारियों में भी बढ़ सकता है जैसे कि लिम्फोमा ,ल्यूपस और सारकॉइडासिस जैसे रोगों में भी यह बढ़ सकता हैं. 

    यह टेस्ट किसी भी बीमारी के लिए एक specific test नहीं है यानि कि सिर्फ इस एक टेस्ट के द्वारा किसी बीमारी का पता नहीं लगाया जा सकता है.इसलिए कई बार डॉक्टर इसके साथ अन्य टेस्टों को भी कराने की सलाह देते हैं.जैसे कि –

    • Chest X-ray 
    • AFB test (sputum test) 
    • Mantoux test 
    • FNAC test (गाँठ वाली टीबी में) 

    इसके साथ और कुछ ब्लड के जांच कराए जा सकतें हैं. जिसके द्वारा यह कन्फर्म किया जाता है कि व्यक्ति को टीबी है या नहीं. 

    ADA test की कीमत कितनी होती है? 

    ADA test की कीमत अलग-अलग लैबों में अलग-अलग होती है जो समान्यत: 350-600 रूपए तक में हो जाता है. जब भी आप कोई टेस्ट कराए तो किसी अच्छे और मान्यता प्राप्त लैब के द्वारा ही कराए ताकि आपका टेस्ट अच्छे से हो और सही बीमारी का पता चल सके. 

    Conclusion (ADA test in Hindi) –

    दोस्तों आपने आज के इस पोस्ट “ADA test in Hindi ” के माध्यम से जाना कि ADA test क्या होता है और यह क्यों किया जाता है. साथ ही आपने और भी कई महत्वपूर्ण जानकारीयों के बारे में जाना. आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें. धन्यवाद. 

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