IVF meaning in Hindi | IVF full form in Hindi.

IVF meaning in Hindi | IVF full form in Hindi. 

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका आज के इस पोस्ट “IVF meaning in Hindi” में. आज के इस पोस्ट के माध्यम से आप जानेंगे कि IVF क्या होता है और IVF के लिए कितना खर्च होता है. साथ ही IVF से संबंधित और भी कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे. इसलिए आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेगें और समझेंगें. 

ivf उन सभी दंपत्तियों के लिए एक वरदान है, जो संतान सुख पाने की चाहत रखतें हैं, क्योंकि उन्हें इसके द्वारा संतान सुख मिलते हैं. हालांकि,अभी भी अधिकांशत: लोगों को इसके बारे में पूरी तरह से जानकारी नहीं है, कि आख़िरकार ivf क्या है? (What is IVF in Hindi?) तो चलिए जानतें हैं. 

    IVF का मतलब क्या होता है? (What is IVF meaning in hindi).

    IVF का फुल फॉर्म यानि पूरा नाम IN vitro fertilization (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) होता है, जो एक कृत्रिम गर्भाधान करने के की एक तकनीक है.जिसकी मदद से नि:संतान दंपती भी संतान सुख पा सकते हैं.इसमें महिला के अंडे और पुरुष के स्पर्म को लैबोरेट्री(laboratory) में फर्टिलाइज करने के बाद महिला के गर्भ में ट्रांसफर किया जाता हैं.जिसके बाद यह एक बेबी के रूप में विकसित होता है.इस प्रक्रिया को एम्ब्रियो कल्चर या टैस्ट ट्यूब बेबी(test tube) भी कहते हैं।

    ऐसा देखा गया है कि जिन दंपती को बच्चे होने या संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती है तो इस स्थिति में सामन्यतः 70-80% नि:संतान दंपती का इलाज दवाओं के द्वारा और 20-30% फीसदी मरीजों को ही आईवीएफ की जरूरत पड़ती है।

    ivf की ज़रूरत किन्हें होती है?

    यदि किसी दंपती को बच्चे नहीं हो रहा हो या गर्भधारण नहीं हो रहा है तो इसे नि:संतानता कहा जाता है,लेकिन जरूरी नहीं है कि सबको आईवीएफ कराना पड़े.इसके लिए पहले बेसिक टैस्ट किए जाते हैं.

    जिन महिलाओं की एक फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक है और दूसरी खुली है, माहवारी अनियमित है, अंडे नहीं बनते हैं या फिर मासिकचक्र बंद हो गया है उन्हें आईवीएफ की जरूरत पड़ती है. मेनोपॉज के बाद और महिलाओं की नसबंदी हो चुकी है या फिर पुरुष का स्पर्म काउंट बहुत कम या कमजोर है, वे भी आईवीएफ के लिए प्लान कर सकते हैं. 

    इसके कुछ मुख्य कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं-

    1. फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज – जब फैलोपियन ट्यूब में किसी भी कारण से कोई रूकावट हो जाता है या खराब हो जाता है .
    2. ओवुलेशन की समस्या – महिला के ओवुलेशन में समस्या होने पर आई वी एफ की मदद से गर्भधारण किया जा सकता है.
    3. गर्भाशय में समस्या – गर्भाशय में किसी भी प्रकार की समस्या या सही ना होना या फिर गर्भाश्य की अन्य समस्याओं के कारण. 
    4. बच्चेदानी में रसौली – जब किसी महिला को बच्चेदानी में रसौली होती है तो इसके कारण बाँझपन की दिक्कत हो सकती है.
    5. पुरूष बांझपन की समस्या – शुक्राणु का ख़राब आकर, शुक्राणु की संख्या में कमी और गति में कमी होने पर ivf के विधि का प्रयोग किया जाता है.

    IVF के लिए प्रमुख जांचे –

    IVF के लिए आईवीएफ के तहत महिला-पुरुष दोनों की कुछ विशेष जांच की जाती है.जो इस प्रकार है –

    • एफएसएच (FSH test) , 
    • एलएच (LH test) 
    • टीएसएच (TSH test) 
    • Amh test 
    • Semen analysis 

    Sonography – बच्चेदानी व जननांग की स्थिति जानने के लिए सोनोग्राफी करते हैं. जेनेटिक टैस्टिंग  और एग काउंट (Amh test)टैस्ट के अलावा पुरुष में सीमेन एनालिसिस(semen analysis) करके स्पर्म काउंट करते हैं, जिसके साथ अन्य टेस्ट भी किए जा सकते हैं जैसे -बीपी, किडनी व लिवर की जांच करते हैं।

    IVF की प्रक्रिया क्या है? 

    ivf की प्रक्रिया (IVF Process in Hindi) में निम्नलिखित स्टेप शामिल होते हैं –

    • ivf की प्रक्रिया में सबसे पहले महिला को इंजेक्शन दिए जाते है, जिससे कि अधिक अंडों का विकास हो सकें.
    • पुरुषों के semen को लैब में साफ़ किया जाता है और फिर सक्रिय (अच्छे) और असक्रिय (बेकार) शुक्राणुओं को अलग किया जाता हैं.जिसके बाद 
    • महिला के शरीर में से अंडे को बाहर निकाला जाता है.इस तरह महिला और पुरूष से सैम्पल लिया जाता है और 
    • फिर लैब में petridish में अंडे और शुक्राणु को फर्टिलाइज़ किया जाता है.फर्टिलाइज़ेशन के बाद तीसरे दिन तक भ्रूण तैयार हो जाता है.
    • उसके बाद कैथिटर (Catheter) की मदद से महिला के गर्भाशय में भ्रूण को ट्रासंफर किया जाता है.

    कई बार ऐसा होता कि भ्रूण को 5 दिन तक की निगरानी के बाद महिला के गर्भाशय में ट्रासंफर करते है.जिससे 5 दिन वाले भ्रूण से गर्भधारण होने की संभावना बढ़ जाती है.

    मल्टी प्रेग्नेंसी की संभावना हो सकती है –

    आप एक बार आईवीएफ प्रक्रिया से गुजरने के बाद मल्टी प्रेग्नेंसी भी करवा सकते हैं.यह डे-केयर प्रक्रिया है,जिसमें महिला को बार-बार अस्पताल जाने की जरूरत नहीं होती है.इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद महिला के अंडे व पुुरुष के स्पर्म को फ्रीज कर देते हैं.जिसे दोबारा प्रेग्नेंसी प्लान करने के लिए 2-3 साल बाद फिर से इसे गर्भ में ट्रांसफर कर देते हैं.दोबारा से की जाने वाली इस प्रक्रिया के लिए टैस्ट करवाने की जरूरत नहीं पड़ती है.

    क्या ivf से नॉर्मल डिलीवरी होती है?

    कई लोगों के मन में यह सवाल होता है कि क्या आईवीएफ से गर्भधारण के बाद बच्चे का सामान्य विकास और समान्य प्रसव होता है.तो मैं आपको बता दूँ कि ivf प्रक्रिया से गर्भधारण करने से किसी तरह की समस्या नहीं होती है और समान्य प्रसव यानि normal dilivery होता है. अधिक उम्र या अन्य कारणों से कोई समस्या होने पर ही सिजेरियन की जरूरत पड़ती है.

    अब इसके बाद भी आपके मन में यह सवाल आते होगें कि क्या टैस्ट ट्यूब बेबी स्वस्थ होते हैं तो चलिए जानतें हैं कि क्या वाकई IVF स्वस्थ होते हैं. 

    क्या ivf baby स्वस्थ होते है? (Is IVF baby healthy?)

    जी हाँ, टैस्ट ट्यूब बेबी पूरी तरह से स्वस्थ होते है क्योंकि इसके लिए सिर्फ फर्टिलाइज़ेशन की प्रक्रिया ही शरीर से बाहर की जाती है, बाकि गर्भधारण की पूरी प्रक्रिया सामान्य होती हैं यानि नेचुरल प्रेगनेंसी की तरह ही होती है.आज इसकी सहायता से कई नि:संतान  दंपती संतान प्राप्त कर चुकें हैं. 

    Ivf का खर्चा कितना होता है?

    सभी अलग-अलग अस्पतालों और क्लिनिकों में आई वी एफ (IVF) treatment की कीमत अलग हो सकती है. यदि कोई दंपत्ति ट्रीटमेंट करवाना चाहता है, तो उनके लिए इसकी कीमत भारत में लगभग ₹1-₹1.5 लाख तक हो सकती है.

    Conclusion (ivf meaning in hindi) –

    दोस्तों आपने आज के इस पोस्ट “IVF meaning in Hindi ” के माध्यम से जाना कि IVF क्या है और साथ ही इससे जुड़े सवालों के बारे में जाना. आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें.. धन्यवाद. 

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