Liver Function test (LFT) क्या होता है | LFT test in Hindi

Liver Function test (LFT) क्या होता है |LFT test in Hindi .

Liver Function test (LFT) क्या होता है? LFT test in Hindi
LFT test in Hindi. 

दोस्तों यदि आप जानना चाहते हैं कि “Liver function test in Hindi” ,लिवर फंक्शन टेस्ट क्या है?(liver function test kya hai) और लिवर फंक्शन टेस्ट नार्मल रेंज क्या होता है.Liver function test क्यों कराया जाता है और लिवर फंक्शन टेस्ट कब करवाना चाहिए तो इन सभी विषयों पर आज हम विस्तार से चर्चा करने वाले हैं इसलिए आपसे आशा है कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेगे और समझेंगे.

 जब भी हम बीमार पड़ते हैं तो हमें कई प्रकार का टेस्ट लिखा जाता है.जिसमें से liver function test भी एक प्रमुख टेस्ट है.जिससे पता चलता है कि Liver सही से काम कर रहा है या नहीं.
आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से लिवर फंक्शन टेस्ट related कुछ जानकारी देने वाला हूं, जिससे कि आपको अनुमान लगे कि लिवर फंक्शन टेस्ट क्या होता है और यह क्यों किया जाता है.

    लिवर फंक्शन टेस्ट क्या है ? – What is Liver Function Test in Hindi.

    Liver function test एक ब्लड टेस्ट है, जिसे हम LFT भी कहतें हैं. इस test के द्वारा विभिन्न तरह के लीवर से संबंधित बीमारियों का पता लगाया जाता है. 

    लिवर फंक्शन टेस्ट के द्वारा हमें लिवर की बीमारियों , सूजन और कई तरह के क्रॉनिक डिजीज का पता लगाया जाता है.

    हमारे शरीर में लीवर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है और यह हमारे शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है.जो शरीर में प्रोटीन ,एंजाइम बनाने का काम करते है और साथ ही हमारे भोजन को पचाने का भी काम करता हैं.

    Liver खराब क्यों होता है? 

    जब भी हम बीमारियों में दवाइयों का सेवन करते हैं तो हमारा लीवर उन दवाइयों और अल्कोहल युक्त पदार्थों के कारण छतिग्रस्त होता है. यह हमारे लीवर को नुकसान पहुंचाता है. 

    जब तक हमारा  40-60% खराब नहीं हो जाता तब तक इनका कोई भी संकेत नहीं मिलता है इसलिए हमें रूटीन चेकअप में लिवर फंक्शन टेस्ट और CBC test करना चाहिए और भी कई सारे कारण हैं जिसमें आप लिवर फंक्शन टेस्ट करवा सकते हैं उन सभी के बारे में हम आगे चर्चा करने वाले हैं.

    Function of Liver (liver के कार्य) –

    Liver हमारे शरीर में प्रोटीन सिंथेसिस करता है यानि बनाता है.यह शरीर में ग्लूकोज,विटामिन और आयरन (iron) को स्टोर करता है. साथी ही टॉक्सिक पदार्थ को भी डिटॉक्सिफिकेशन कर बाहर निकालता है.

    लिवर के द्वारा ही बाइल साल्ट (Bile salt) और बाइल पिगमेंट (bile pigment)  स्रावित होता है.लिवर हमारे शरीर में एंजाइम एक्टिविटी को नियंत्रित करता है और कई प्रकार के चयापचय क्रिया में सहायक होता है. 

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    लिवर फंक्शन टेस्ट क्यों किया जाता है ?

    लीवर की बीमारियों और लिवर से जुड़ी कई प्रकार के समस्याओं का पता लगाने के लिए लिवर फंक्शन टेस्ट किया जाता है.

    जैसे कि- लीवर सही से काम कर रहा है या नहीं और हमारे शरीर में लिवर द्वारा कितने प्रोटीन का उत्पादन हो रहा है. कितने एंजाइम बन रहे हैं और कितनी मात्रा में bilirubin बन रहे हैं, इन सभी कारणों का पता लगाया जाता है.

    कई बार डॉक्टर लिवर फंक्शन टेस्ट इसलिए भी लिखते हैं ताकि उसे पता चल सके कि जो दवाई चल रहा है वह आपके लीवर पर कितना असरदार है और वह कितनी मात्रा आपके लिए सही है.

    लिवर फंक्शन टेस्ट के प्रकार –Types of  liver function tests in Hindi and Normal range chat of LFT. 

    Normal range of liver function test 

    1.Serum bilirubin 

    • Total bilirubin – 0 2-1.2 mg/dl
    • Direct bilirubin – 0.0-0.2 mg/dl
    • Indirect bilirubin – 0.5 – 0.7 mg/dl

    2.Serum protein 

    • Total protein – 6.0 – 8.0 gm/dl
    • Albumin    – 3.8- 5.0 gm/dl
    • Globulin – 2.3- 3.5 gm/dl
    • A/G ratio = Albumin / Globulin ratio (2:1)
    3.Serum glutamate oxaloacetate 4.transaminase (SGOT) – 5-35 U/L
    5.Serum glutamate pyruvate transaminase (SGPT)  – 5-40 U/L
    6.Serum alkaline phosphatase (ALP)  – 4-11 KA
    7.Serum Gama Glutamate transferase (GGT) – 9-48 U/L
    8.Lactate dehydragenase (LDH) – 230-460 U/L
    9.Prothrombin time test (PTT) – 11-15 second 

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    लिवर फंक्शन टेस्ट से पहले क्या करें –

    लिवर फंक्शन टेस्ट कराने से पहले किसी खास तरह के इतिहात बताने की जरूरत नहीं होती है. हां ,अगर पहले से कोई दवा चल रही है जो आपके लिवर फंक्शन टेस्ट के रिजल्ट को प्रभावित कर सकती है.

    इसलिए डॉक्टर आपको उन दवाइयों का सेवन करने से मना कर सकते हैं साथी डॉक्टर आपको यह सलाह दे सकते हैं कि, आप टेस्ट कराने से पहले कुछ ना खाए और सादा पानी पिए जो आपके लिए लाभदायक होगा.

    इसलिए ध्यान दें कि आपका जब भी कोई टेस्ट करा रहे हैं तो आप जो भी दवाई का सेवन कर रहे हैं उन दवाइयों के बारे में या किसी प्रकार का नशा या अल्कोहल का सेवन कर रहे हैं तो उनके बारे में अपने डॉक्टर को जरूर बताएं.

    Liver function test कराने के दौरान क्या करना चाहिए –

     लिवर फंक्शन टेस्ट कराने के दौरान आपको किसी खास बात का ध्यान रखने की जरूरत नहीं है.इस टेस्ट करने के दौरान लैब टेक्नीशियन कोई ध्यान रखना होता है कि वह जिस एरिया से ब्लड सैम्पल ले रहा है,उसे अच्छी तरह कैसे क्लीन करें ताकि वहां पर जो भी Bacteria या virus हो ,वह आपके रिजल्ट को प्रभावित ना कर सके. 

    Liver function test के लिए 2- 3 ml Blood की जरूरत होती है .Blood लेने के बाद इसे जाँच के लिए भेज दिया जाता है .अगर Blood sample कलेक्शन के बाद या सैंपल कलेक्शन के दौरान आपको चक्कर आता है या सिर दर्द कर रहा है तो आप थोड़ी देर बैठ कर आराम कर ले उसके बाद ही आप कहीं जाए.


    Liver function test कब कराना चाहिए –

    यदि आप पहले से लिवर के मरीज हैं या आपका किसी प्रकार का दवाई चल रहा है या फिर आपको लीवर की बीमारी जैसे –

    •  Hepatitis 
    • Jaundice 
    • आपको कमजोरी महसूस हो रही है 
    • भूख कम लग रहा है 
    • खाना का नहीं पचना या अपच होना 
    • पेट दर्द 
    • शरीर का पीला होना 
    • पेशाब का पीला होना 
    • हाथ – पॉव का फूलना 
    • चक्कर आना 

    यदि आपको इस प्रकार के लक्षण महसूस होते हैं तो Liver function test करवाना चाहिए. कई बार डॉक्टर liver function test इसलिए भी लिखते हैं ताकि उसे मालूम चल सके की जो दवाई दी जा रही है वह कितनी असरदार है.

    और आपका लीवर सही से काम कर रहा है या नहीं विषयों का पता लगाने के लिए डॉक्टर लिवर फंक्शन टेस्ट लिखा करते हैं ताकि उसके अनुसार आपको दवाई दे सकें.

    LFT test कैसे किया जाता है? (LFT test procedure in Hindi) –

    LFT यानि Liver Function test कई टेस्टों का पैनल है जिसके सभी टेस्ट Manually अलग-अलग तरीकों से लगाए जातें हैं.
    यदि आपके पास Bio-chemistry Analyzer है तो आप उससे बहुत ही आसानी से टेस्ट लगा सकतें हैं. आज कल लगभग सभी लैबों में Auto Analyzer या semi auto analyzer के द्वारा ही टेस्ट किए जाते हैं. 

    Liver function test का परिणाम (Liver function test results) –

    लिवर फंक्शन टेस्ट में Doctor मुख्यत: विशेष test को देखते हैं जैसे कि –

    • Protein  और Albumin –प्रोटीन और एल्बुमीन Liver में पाए जाने वाला प्रोटीन है जो हमारे शरीर के विभिन्न क्रियाओं में  काम आता है. Protein की मात्रा सामान्य से कम होने पर लिवर की बीमारियां और लीव के क्षतिग्रस्त होने का संकेत देती है. एल्ब्यूमिन की मात्रा जाने से इंफेक्शन दिल का दौरा या गर्म होने का खतरा बढ़ जाता है.
    • Bilirubin –  Bilirubin सामान्यता रेड ब्लड सेल के टूटने से बनने वाला अपशिष्ट पदार्थ है जो हमारे लिवर से होते हुए गुजरती है यदि हमारे शरीर में bilirubin की मात्रा अधिक हो जाती है तो इससे हमें लिवर की बीमारी जैसे जॉन्डिस होने का खतरा होता है.
    • SGOT(AST)–  यह liver enzymes है. जब  आपका लीवर डैमेज होता है तो इस स्थिति में AST का लेवल बढ़ जाता है.इसके बढ़ने से आपको लिवर इनफेक्शन या गुर्दे की खराबी हो सकती है. इसका normal range 5 से 35 Unites /L होता है.
    • SGPT (ALT) यह एक enzymes  है जो हमारे लिवर में पाया जाता है.हमारे शरीर में लीवर को कई प्रकार की चयापचय क्रिया में मदद करता है जब लिवर क्षतिग्रस्त होता है तो हमारे ब्लड में इसकी मात्रा बढ़ जाती है. यह ज्यादातर वायरल हेपिटाइटिस के रोगों में बढ़ जाता है.इसका normal range 5-40 Unites / litres होता है. 
    • GGT–  जाए हमारे शरीर में पाए जाने वाला  एंजाइम है इसकी मात्रा बढ़ने से हमारे शरीर में लिवर से जुड़ी समस्याओं का संकेत देता है कई प्रकार के liver disease के समस्याओं में इसका लेवल बढ़ जाता है.अगर कोई व्यक्ति एल्कोहॉल का सेवन करता है तो उसका GGT level बढ़ जाता है. 
    • ALP–   liver, bones, kidney और हड्डियों में पाया जाने वाला enzymes है इसका सामान्य से अधिक होना, liver disorder या हड्डियों से जुड़ी समस्या का संकेत देता है.इसके कारण पित्त की नलियों में रूकावट की समस्या होती है.
    • LDH –  यह हमारे शरीर में ब्लड में मौजूद एंजाइम है जिसकी मात्रा बढ़ने से हमारे लिवर में सूजन होने की संभावना होती है इसका लेवल अन्य बीमारियों के कारण भी बढ़ सकता है.
    • PTT– Prothrombin time test  द्वारा यह पता चलता है कि आपके शरीर में कितने समय में आपका रक्त थक्का बन रहा है इसकी मात्रा सामान्य से अधिक होने पर लीवर की बीमारियों का संकेत देता है इसकी मात्रा विभिन्न तरह की दवाइयों लेने पर भी बढ़ सकती है.

    Liver function test price –

     लिवर फंक्शन टेस्ट कंपलीट liver profile test होता है जिसके लिए औसतन 500 से ₹700 लैब में लिए जाते हैं. अलग अलग lab में लिवर फंक्शन टेस्ट के अलग-अलग प्राइस हो सकते हैं आप इस टेस्ट को कहेगी अपने नजदीकी लैब में करवा सकते हैं और अपने लिवर के इंफेक्शन होने से पहले इलाज करवाओ ताकि आप स्वस्थ रहें.

    FAQ for LFT test in Hindi. 

    1.लिवर कैसे चैक किया जाता है? 

    Liver की जाँच के लिए Liver function test किया जाता है,जिसमें कई तरह के जाँच होते हैं.जो आपके ब्लड सैम्पल से किया जाता है.कुछ ही स्थिति में liver की biopsy की जरूरत होती है.  Liver function test के द्वारा liver से जुड़ी बिमारीयों का पता लगाया जाता है.

    2.लिवर का नार्मल रेंज कितना होता है?  

    Liver की जाँच के लिए liver function test किया जाता है.liver test की अलग -अलग टेस्टों का नार्मल रेंज अलग-अलग होता है.जैसे- Total protein-6.0-8.0 gm/dl ,Albumin -3.0-5.0 g/dl, SGOT- 0-40 U/L और SGPT-5-35 U/L होता है.

     Conclusion (LFT test in Hindi) –

     दोस्तों आशा करता हूं आपको यह पोस्ट “liver function test in Hindi” से कुछ ना कुछ सीखने को जरूर मिला होगा.इस पोस्ट के माध्यम से आज आपने जाना  LFT test क्या होता है, Liver blood test क्यों किया जाता है, LFT normal range क्या होता है और अगर आपको इस पोस्ट से थोड़ी सी भी जानकारी मिली हो और आप चाहते हैं कि यह जानकारी आपके दोस्तों तक पहुंचे तो आप इसे शेयर जरूर करे. 

    अगर आपको इससे से रिलेटेड कोई भी क्वेश्चन हो तो आप में कमेंट करके जरूर बताएं साथी किसी प्रकार की समस्या होने पर आप अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें ताकि आपको सही इलाज मिल सके और आप स्वस्थ रह सके… धन्यवाद….

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