Reticulocyte count in Hindi | Reticulocyte count test कैसे किया जाता है?

Reticulocyte count in Hindi | Reticulocyte count test कैसे किया जाता है? 

Reticulocyte count in Hindi | Reticulocyte count test कैसे किया जाता है?
Reticulocyte count in Hindi. 

नमस्कार दोस्तों स्वागत है, आपका हमारे इस ब्लॉग में दोस्तों आज हम बात करने वाले ” रेटीकुलोसाइट क्या होता है” (Reticulocyte count in Hindi) और Reticulocyte count कैसे किया जाता है. साथी ही जाने वाले हैं कि रेटीकुलोसाइट घटने से या बढ़ने से हमें क्या क्या प्रॉब्लम हो सकती है?  या फिर कौन सी कंडीशन होती है, जिसमें यह घट जाती है या बढ़ जाती है.

 रेटीकुलोसाइट क्या होता है?(What is Reticulocyte count in Hindi). 

 रेटीकुलोसाइट अविकसित लाल रक्त कोशिकाएं होती है, जो बोनमैरो (Bone marrow) में विकसित हो रही होती है. यह रेड ब्लड सेल बनने की पहले की स्थिति है.जो reticulocyte कहलाता है.

रेटीकुलोसाइट के साइटोप्लाज्म में राइबोसोमल आरएनए(rRna) पाया जाता है. रेटीकुलोसाइट बनने की प्रक्रिया मबोनमैरो में होता है. जो 2 से 3 दिन के बाद एक परिपक्व (विकसित) रेड ब्लड सेल बन जाता है.

आपको यह तो पता ही होगा कि रेड ब्लड सेल (लाल रक्त कोशिकाएं) , हमारे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करती है और कार्बन डाइऑक्साइड को हमारे शरीर से बाहर निकालने में भी मदद करती है. 

जब हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है तो इसे एनीमिया कहा जाता है और जब लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ जाती है तो इसी को पॉलीसिथीमिया (Polycythemia) कहा जाता है.

Reticulocyte count क्यों किया जाता है? 

 रेटीकुलोसाइट का पता लगाने के लिए Reticulocyte count किया जाता है. चुकी रेटीकुलोसाइट हमारे बोनमैरो (Bone marrow) में बनता है, इसलिए रेटीकुलोसाइट काउंट के द्वारा यह भी जांच किया जाता है कि बोनमैरो सही से काम कर रही है या नहीं कर रही है. 

क्या,रेटीकुलोसाइट ज्यादा मात्रा में बन रही है या कम बन रही है. एनीमिया के कंडीशन में भी जब दवाई दी जाती है तो इसका असर पता करने के लिए भी रेटीकुलोसाइट का जांच किया जाता है.

Reticulocyte count test कब कराना चाहिए? 

 ऐसी कई सारी कंडीशन है जिसमें डॉक्टर आपको रेटीकुलोसाइट काउंट टेस्ट कराने को बोल सकते हैं.आपको कुछ इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे सकते हैं.जैसे कि-

  •  बोन मैरो प्रॉब्लम में 
  •  एनीमिया के कंडीशन में 
  • किडनी डिजीज में 
  • मल में खून आना 
  • कमजोरी महसूस होना 
  • चक्कर आना 

 इन लक्षणों के अलावा और भी कई तरह के मामले हो सकते हैं, जिनमें डॉक्टर आपको Reticulocyte count test कराने को बोल सकते हैं जैसे कि-

  •  यदि आपको पहले से बोन मेरो की प्रॉब्लम हो या बोन मेरो का ट्रांसप्लांट कराया हो तो.
  •  यदि आपको एनीमिया है तो डॉक्टर एनीमिया का पता लगाने के लिए reticulocyte count test लिख सकते हैं.इससे पता लगाया जाता है कि एनिमिया किस प्रकार का है.
  •  एक्यूट ब्लीडिंग होने पर यह टेस्ट किया जा सकता है.
  •  यदि आपके टेस्ट रिपोर्ट सीबीसी अर्थात कंपलीट ब्लड काउंट रिपोर्ट में रेड ब्लड सेल और हिमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से अधिक या कम होने पर यह टेस्ट किया जाता है.
  •  यदि किसी व्यक्ति का ट्रीटमेंट चल रहा हो जैसे- कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी में.
  •   ऐसी स्थिति जिसमें रेड ब्लड सेल की संख्या कम बन रही हो.जैसे – शरीर में विटामिन की कमी, विटामिन B12 और आयरन की कमी इस तरह की प्रॉब्लम में रेटीकुलोसाइट काउंट कराया जा सकता है.

Reticulocyte count test कैसे किया जाता है? 

 रेटीकुलोसाइट काउंट करने के लिए EDTA vial में पेशेंट का ब्लड सैंपल लिया जाता है. यह टेस्ट सामान्य लेब में 2 तरीकों से किया जा सकता है. पहला- जो manually lab में किया जाता है और दूसरा जो ऑटोमेटिक एनालाइजर के द्वारा किया जाता है. 

ऑटोमेटिक एनालाइजर के द्वारा Reticulocyte count आसानी से हो जाता है क्योंकि इसमें सिर्फ आपके ब्लड को एनालाइजर में suck कराया जाता है, जिससे एनालाइजर उसका रिजल्ट तुरंत दे देता है. परंतु यह कुछ लैबों में उपलब्ध होता है क्योंकि fully automated analyzer महँगा का होता है और इस कारण से अधिकांश लैबों में manually test किया जाता है.

 रेटीकुलोसाइट काउंट के लिए उपकरण-

  •  टेस्टट्यूब (Test tube) 
  • ग्लास स्लाइड (Glass slide) 
  • माइक्रोपीपेट (Micro pippette) 
  • ब्रिलियंट क्रिस्टल ब्लू या methelene blue 
  • माइक्रोस्कोप (microscop)

 Reticulocyte count test करने की विधि-

  1.  सबसे पहले एक साफ और ड्राइ टेस्ट ट्यूब लेना है जिसमें बराबर मात्रा में ब्लड और मिथेलीन ब्लू डालना है.
  2.  मिथेलीन ब्लू और ब्लड को अच्छे से मिक्स करके 37 डिग्री सेल्सियस तापमान पर 15 से 30  मिनट के लिए इनक्यूबेटर में रख दिया जाता है.
  3.  30 मिनट बाद इसे निकाल कर smear बनाया जाता है.
  4.  और फिर माइक्रोस्कोप से reticulocyte की संख्या देखी जाती है. माइक्रोस्कोप के द्वारा 10 फिल्ड देखा जाता है और उसके बाद उसका कैलकुलेशन किया जाता है.

 रेटीकुलोसाइट काउंट कैलकुलेशन-

 रेटीकुलोसाइट काउंट का कैलकुलेशन करने के लिए, 10 फिल्ड में जितने भी रेटिकिलोसाइट देखी है.उसको 100 से गुणा किया जाता है और फिर आरबीसी की संख्या से भाग दिया जाता है.इस तरह रेटीकुलोसाइट काउंट का पता चलता है.

Reticulocyte count  का नार्मल रेंज कितना होता है?

 रेटीकुलोसाइट काउंट टेस्ट का नार्मल रेंज बच्चों और बड़ों में अलग-अलग होता है.सामान्यता व्यसकों में reticulocyte का नॉर्मल रेंज 0.5 – 2.5% होता है.बच्चों में यह 4-6% तक हो सकता है. 

यदि रेटीकुलोसाइट काउंट नॉरमल से अधिक आ रहा होता है तो इसे हिमॉलिटिक एनीमिया में होता है और इसे रेटीकुलोसीटॉसिस(Reticulocytosis) कहते हैं. 

यदि रेटीकुलोसाइट नार्मल रेंज से कम आ रहे हो तो यह अप्लास्टिक एनीमिया के कंडीशन में होता है और इसके रेटीकुलोसाइटोपिनया(Reticulocytopenia) कहते हैं.

Reticulocyte count test कराने से पहले-

 रेटीकुलोसाइट काउंट कराने से पहले किसी खास तरह की सावधानी या उपवास की जरूरत नहीं होती है. हां, यदि और भी कई सारे टेस्ट साथ लिखे जाते हैं, तो हो सकता है ऐसा भी टेस्ट हो जिसने आप को उपवास रखने की जरूरत पड़ सकती है और यदि आप किसी तरह का दवाई का सेवन कर रहे हैं तो इसके बारे में आप अपने डॉक्टर को जरूर बताएं.

Last word –

आशा करता हूं कि आप को यह पोस्ट “Reticulocyte count in Hindi” से कुछ जानकारी जरूर मिली होगी.यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें ताकि उन्हें भी इसके बारे में पूरी जानकारी मिल सकें… धन्यवाद… 

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